जल्लीकट्टू : तमिलनाडु में खेल के दौरान दो और प्रदर्शन के दौरान एक की मौत
चेन्नई-मदुरै : तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में आज सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गयी. इस बीच विरोध के चलते मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को […]
चेन्नई-मदुरै : तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में आज सांडों को काबू में करने वाले खेल जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक व्यक्ति की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गयी. इस बीच विरोध के चलते मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को आलंगनल्लूर में समारोह का उद्घाटन किये बिना चेन्नई लौटना पड़ा.
मदुरै के आलंगनल्लूर में प्रदर्शनकारियों ने आयोजन के स्थायी समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थायी उपाय है. पनीरसेल्वम ने कल कहा था कि वह सुबह 10 बजे आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. यह जगह जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए प्रसिद्ध है.
जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश लागू किये जाने के साथ राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसे आयोजित किया जा रहा है. पुडुकोट्टई के रपूसल में भी इस खेल का आयोजन किया गया. पुलिस ने बताया कि रापूसल में जल्लीकट्टू के दौरान एक सांड़ के हमले में दो लोगों की मौत हो गयी और 28 लोग जख्मी हो गये.
इसमें कई सांड़ों को इस्तेमाल किया गया था और खिलाड़ी भी अधिक संख्या में थे. अधिकारियों के मुताबिक जयहिंदपुरम के रहने वाले 48 वर्षीय चंद्रमोहन की मदुरै में शरीर में पानी की कमी होने की वजह से मौत हो गयी. वह जल्लीकट्टू का स्थायी समाधान निकालने की मांग को लेकर छात्रों और युवकों के साथ प्रदर्शन में शामिल थे.
चेन्नई के मरीना बीच समेत राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारी अब भी डटे हुए हैं. मरीना बीच पिछले छह दिन से प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है. प्रदर्शनकारी इस खेल के आयोजन के लिए स्थायी समाधान और पशु अधिकार संगठन पेटा पर पाबंदी लगाने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं.
आने वाले सत्र में जल्लीकट्टू पर बनेगा कानून, पूरी तरह हट गया प्रतिबंध : मुख्यमंत्री
चेन्नई रवाना होने से पहले मदुरै में संवाददाताओं से बातचीत में पनीरसेल्वम ने कहा, ‘जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है. आलंगनल्लूर में स्थानीय लोगों द्वारा तय तारीख पर खेल का आयोजन किया जाएगा.’ पनीरसेल्वम ने कहा कि तमिलनाडु के सभी हिस्सों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया और स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा इसके लिए सभी एहतियाती कदम उठाये गये हैं.
प्रदर्शनकारियों ने जहां आयोजन के स्थायी समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थाई उपाय है वहीं पनीरसेल्वम ने कहा, ‘राज्य सरकार का जल्लीकट्टू अध्यादेश का रास्ता स्थायी, सशक्त और टिकाऊ है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में कानून बनाया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है.
आलंगनल्लूर में जल्लीकट्टू का उद्घाटन करने की घोषणा करने वाले पनीरसेल्वम को प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते मदुरै के एक होटल में रहना पड़ा. उसके बाद उम्मीद थी कि पनीरसेल्वम डिंडीगुल के नाथम कोविलपट्टी में जल्लीकट्टू का उद्घाटन कर सकते हैं लेकिन वहां भी प्रदर्शन शुरू हो गये.
इस बीच तमिलनाडु सरकार ने राज्य में जल्लीकट्टू की अनुमति वाले अपने अध्यादेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिये जाने की संभावना को देखते हुए एक कैविएट दाखिल की है. द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत करें और इस बात पर जोर देना बंद करें कि अध्यादेश लागू करने से स्थाई समाधान निकल जाएगा.
इस बीच दक्षिण रेलवे ने बताया कि अंतरराज्यीय और राज्य के अंदर चलने वाली कई ट्रेनों को पूर्ण रुप से या आंशिक रूप से निरस्त कर दिया गया। करीब तीन दिन से ऐसी ही स्थिति है. तंजौर से खबर है कि यहां करीब 500 युवकों ने एक ट्रेन को रोका. इस बीच रामनाथपुरम से खबर आई है कि सेवूर और इरवेली में ‘मंजूविरत्तू’ (एक तरह का जल्लीकट्टू) का आयोजन किया गया और लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें भाग लिया.