गुडगांव : हरियाणा एक बार फिर जाट आंदोलन की आग में जल सकता है जिसकी रणनीति बनायी जा रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जाट संगठनों ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर आरक्षण की अपनी मांग को पूरा नहीं करने के आरोप लगाया है और आंदोलन की चेतावनी दी है. जाट संगठन राज्य के 19 जिलों में फिर से आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं.
आपको बता दें कि पिछले वर्ष इस मुद्दे पर व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए थे. गुडगांव पुलिस के पीआरओ मनीष सहगल ने कहा कि पुलिस प्रदर्शन से निपटने को तैयार है और इसके लिए कल एक मॉक ड्रिल भी किया गया. आंदोलन अगले हफ्ते से शुरू करने की योजना है और जाट नेताओं का दावा है कि हरियाणा और दिल्ली के करीब 250 गांवों के लोगों का समर्थन हासिल है. नेताओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर आरक्षण की मांगों को पूरा नहीं करने के आरोप लगाए है जिसके लिए पिछले वर्ष उन्होंने बडा आंदोलन चलाया था.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख यशपाल मलिक ने पीटीआई से कहा कि हम पिछले 11 महीने से कई गांवों में व्यक्तिगत स्तर पर पंचायत लगा रहे हैं ताकि अन्य पिछडा वर्ग में शामिल होने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि समुदाय आरक्षण हासिल करने के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है और हरियाणा की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पिछली बार उसने धोखा दिया.
मलिक ने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा सरकार और केंद्र ने पिछली बार हमसे धोखा किया और प्रदर्शन खत्म करने के लिए हमसे झूठे वादे किए. उन्होंने युवकों को निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के फर्जी मामले में फंसाया. उन्होंने दावा किया कि उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर, बडौत और बागपत जिले के जाटों ने निर्णय किया है कि अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे.