नयी दिल्ली : देश में 103.5 करोड़ से ज्यादा मोबाइल हैं केंद्र सरकार हर काम को आसान बनाने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही है. बैंकिंग जैसी अहम सुविधाएं भी अब आपकी जेब में है. इनकी सुरक्षा को लेकर समय- समय पर सवाल उठते रहे हैं.
अब सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुरक्षा पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र से कहा है कि वह दो हफ्ते के भीतर अदालत को बताए कि देश के लगभग पांच करोड मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान के सत्यापन के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें भलीभांति सत्यापन की इस आधार पर मांग की गई है कि अब बैंक संबंधी कामकाज में मोबाइल के सिम कार्डों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इंटरनेट बैंकिंग पर ठगी के कई मामले सामने आये हैं. साइबर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते हैं ऐसे में मोबाइल बैकिंग और मोबाइल वॉलेट कितने सुरक्षित है. सुप्रीम कोर्ट ने नये कनेक्शन लेने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज देने पड़ते हैं. उनकी पहचान के लिए क्या रास्ता है और इसके लिए क्या कदम उठाये जाने चाहिए. इस पर सरकार से जवाब मांगा है.
याचिका में इसी बात की चिंता जतायी गयी है क्योंकि मोबाइल के बढ़ते प्रयोग से काम आसान हो रहे हैं लेकिन इसकी सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाये जा रहे हैं. सिम कार्ड खरीदने वालों की पहचान के लिए क्या किया जा रहा है और जो रास्ता अपनाया जा रहा है क्या वो सही है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस पर पूरी जानकारी मांग है और साथ ही सुझाव भी मांगा है कि इसे और बेहतर करने के लिए क्या कदम उठाये जा सकते हैं.