नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो विकलांग महिलाओं को पासपोर्ट के लिए पेश होने से छूट प्रदान के संबंध में 31000 लोगों से अधिक के दस्तखत वाली याचिका मिलने के बाद आज उन्हें मदद का आश्वासन दिया. याचिका पर जवाब देते हुए स्वराज ने ट्वीट किया, ‘मैंने याचिका पढ़ी है. हम निश्चित ही आपकी मदद करेंगे. कृपया मुझे अपना पता एवं फोन नंबर बताइए.’
सत्तर साल के एक दंपति ने चेंज डॉट ओआरजी के मार्फत मंत्री से संपर्क किया था और कहा था कि दोनों पति पत्नी अपनी विकलांग बेटियों की 40 सालों से देखभाल कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है, ‘मैं 70 साल की हूं और मेरे पति 75 साल के हैं. हमें नहीं मालूम कि कबतक हम उनकी देखभाल कर सकते हैं. मेरी छोटी बेटी आर सर्वणी 90 फीसदी विकलांग है और चल-फिर नहीं सकती. छोटी बेटी आर गायत्री देवी 72 फीसदी विकलांग है, जब वह चलती है तो लड़खड़ा जाती है और गिर पडती है, उसे निरंतर सहयोग की जरुरत है.’
याचिका में कहा गया है, ‘हमारे बेटे अमेरिका और कनाडा में बसे हैं. वे अपनी बहनों की देखभाल करना चाहेंगे जब हम उनकी देखभाल नहीं कर पायेंगे. दुर्भाग्य से हम अपनी बेटियों की गंभीर विकलांगता की वजह से पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाए. निकटतम पासपोर्ट सेवा केंद्र हमारे घर से 110 किलोमीटर दूर है और मेरी बेटियों को आवेदन करने के वास्ते व्यक्तिगत रूप से मौजूद होना होगा.’
याचिका कहती है, ‘बस या ट्रेन से यात्रा करना उनके लिए बड़ा कठिन है. हमारी वृद्धावस्था की वजह से मेरे पति और मैं भी उन्हें सफर में मदद नहीं कर पायेंगे. स्वराज एवं विदेश मंत्रालय से हमारी बेटियों को सुदूर पासपोर्ट सेवा केंद्र पर बिना पेश हुए पासपोर्ट दिलाने में मदद करने की हमारी विनम्र अपील है.’