उद्धव बोले गठबंधन से बर्बाद हुए शिवसेना के 25 साल, राज्य सरकार के भविष्य पर भी खतरा
मुंबई : भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख होते जा रहा हैं. शिवेसना ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है. सूत्रों की मानें तो दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर पेंच अटका था. इसके बावजूद भी दोनों के बीच गठबंधन के संकेत मिल […]
मुंबई : भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख होते जा रहा हैं. शिवेसना ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है. सूत्रों की मानें तो दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर पेंच अटका था. इसके बावजूद भी दोनों के बीच गठबंधन के संकेत मिल रहे थे. अचानक कार्यकर्ता सम्मलेन में उद्धव ठाकरे ने एलान कर दिया कि शिवसेना बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ेगी. इतना ही नहीं उन्होंने इसी मंच से भाजपा को चुनाव में देख लेने की धमकी भी दे दी.
शिवेसना ने पहली बार भाजपा पर निशाना नहीं साधा. राज्य और केंद्र की सत्ता पर पहले भी कई सवाल खड़े कर चुकी है. संजय राऊत समेत पार्टी के कई कार्यकर्ता भाजपा की नीतियों पर सवाल खड़े कर चुके हैं. ऐसे में अगर शिवसेना अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लेती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं है.
उद्धव ने अपने बयानों से शिवसेना – भाजपा गठबंधन से चल रही राज्य सरकार पर भी सवाल खड़े कर दिये. उन्होंने कहा, ‘शिवसेना के 50 साल के इतिहास में गठबंधन के चलते 25 साल बर्बाद हुए हैं. हम सत्ता के लालची नहीं हैं. ‘बीजेपी के पास हमारे सैनिकों से लड़ने की चुनौती नहीं है. इसलिए उन्होंने गुंडों को काम पर रखा है. लड़ाई अब शुरू हो चुकी है, उद्धव ने कहा, शिवसेना अब अकेले भगवा लहराएगी.
आपको बता दें कि बीएमसी की 227 सीटें हैं. शिवसेना ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी. भाजपा इतनी सीटें शिवसेना को नहीं थी. चुनावी बिगूल बज चुका है और 27 जनवरी से नामांकन दाखिल होना शुरू हो जाएगा. अब राज्य में गठबंधन कर सरकार चला रही दोनों पार्टियां खुलकर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करेगी. ऐसे में साफ है कि राज्य सरकार को नुकसान होगा. उद्धव के बयान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगर शिवसेना इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है तो भाजपा के साथ राजनीतिक रिश्ता पूरी तरह खत्म कर देगी.