मेघालय : कौन हैं राजभवन को यंग लेडी क्लब बनाने के आरोप का सामना कर रहे वी षणमुगनाथन?

मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगनाथन ने स्वयं के चरित्र के ऊपर लगे गंभीर आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया. उन पर राजभवन को यंग लेडी क्लब बनानेव महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा. उन पर यह आरोप लगा कि वे सभी नियुक्तियां महिलाओं की ही कर रहे थे. हिंदुस्तान में राजभवन की गरिमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2017 1:58 PM

मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगनाथन ने स्वयं के चरित्र के ऊपर लगे गंभीर आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया. उन पर राजभवन को यंग लेडी क्लब बनानेव महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा. उन पर यह आरोप लगा कि वे सभी नियुक्तियां महिलाओं की ही कर रहे थे. हिंदुस्तान में राजभवन की गरिमा पर यह कोई पहला आघात नहीं है. इससे पहले आंध्रप्रदेश का राज्यपाल रहते हुए एनडी तिवारी पर भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं. बहरहाल, 68 वर्षीय वी षणमुगनाथन के कारण गरिमा व विशिष्ट सम्मान के लिए जाना जाने वाले राजभवन पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है.

मेघालय के स्थानीय दैनिक हाइलैंड पोस्ट ने इस संबंध में एक स्थानीय महिला की खबर छापी थी, जिसने उस अखबार से बातचीत में आरोप लगाया था कि गवर्नर वी षणमुगनाथन ने नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के दौरान उसका यौन शोषण किया और उसे गले लगाया एवं चुंबन लिया. उन पर पीआरओ व अन्य पदों पर सिर्फ महिलाओं को नियुक्त करने का आरोप लगा.

हाइलैंडपोस्ट में खबर के प्रकाशन के बाद ही मेघालय के साथ अरुणाचल के राज्यपाल का भी प्रभार संभाल रहे वी षणमुगनाथन के खिलाफ मामले ने तूल पकड़ा और 400 महिला कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया व राजभवन के 98 कर्मचारियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की. हालांकि राज्यपाल वी षणमुगनाथन स्वयं को निर्दोष बताते रहे और इसे खुद के खिलाफ साजिश बताया.

बहरहाल, यह जांच का विषय है कि कौन सच्चा व कौन झूठा है. लेकिन, वी षणमुगनाथनपूर्व में दक्षिण में भारतीय जनता पार्टीकेएक प्रमुख बौद्धिकचेहरे रहे हैं,जो 1962 में राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ से जुड़े थे. षणमुगनाथन की छवि को उभार कर भाजपा पूर्व में दक्षिण में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश करती रही है.

20 मई 2015 को मेघालय के राज्यपाल का पद संभालने वाले वी षणमुगनाथन ने पोस्ट ग्रेजुएट कियाहै और राजनीतिक विज्ञान में एम फिल हैं. संघ के बाद वे भाजपा में आ गये थे और तमिलनाडु में संगठन के कई पदों को संभालते रहे. उनकी बौद्धिक समझ के कारण उन्हें भाजपा ने डिफेंस, रिसर्च एंड डाक्यूमेंटेशन एंड ओवरसीज फ्रेंडस सेल का प्रमुख बनाया था. उनकी पहचान एक सफल लेखक की रही है. उन्होंने तमिलनाडु की संस्कृति एवं सामाजिक संदर्भ में तीन पुस्तकें भी लिखी हैं. उनके पूर्व के इन शानदार योगदान पर अब मौजूदा आरोपों की अधिक गहरी छाप दिख रही है.

Next Article

Exit mobile version