चंडीगढ़ : हरियाणा में जाटों के एक वर्ग द्वारा आज से आरक्षण आंदोलन के ताजा आह्वान के मद्देनजर राज्य को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है. गत वर्ष राज्य में इसी तरह के आंदोलन के दौरान 30 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और सम्पत्ति का काफी नुकसान हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि ऐहतियात के तौर संवेदनशील जिलों में धारा 144 पहले ही लगा दी गयी है जिसमें रोहतक, सोनीपत, झज्जर और राज्य के अन्य स्थान शामिल हैं.
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राम निवास ने कहा, ‘हम स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. यद्यपि विभिन्न आंदोलनकारी संगठनों के नेताओं ने शांतिपूर्व ढंग से धरना देने का वादा किया है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है.’
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय एवं राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों से करीब 500 मीटर के क्षेत्र में पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक है. संवेदनशील क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बलों को लगाया गया है जबकि सख्त निगरानी के लिए भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है.
वहीं जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख जय सिंह फौजी ने आरक्षण आंदोलन के ताजा आह्वान से पहले आज नरवाना में समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की. उन्होंने बैठक के बाद कहा, ‘हम अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार हमें आरक्षण समझौते के बारे में लिखित में कोई आश्वासन नहीं दे देती.’
आंदोलन की योजना के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों (करीब 5500 कर्मियों) के लिए एक अनुरोध भेजा है और राज्य में 7000 होमगार्ड तैनात करने के लिए ‘कॉल आउट’ नोटिस भी जारी किया है. निवास ने कहा कि अर्द्धसैनिक बल की कुछ कंपनियां पहले ही हरियाणा पहुंच चुकी हैं.
गत वर्ष के जाट आंदोलन के दौरान रोहतक के साथ ही कुछ पड़ोसी जिलों जैसे सोनीपत और झज्जर हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे. आंदोलन से दिल्ली भी प्रभावित हुई थी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी की पानी की आपूर्ति रोक दी थी और हरियाणा में सार्वजनिक सम्पत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था.
मुनक नहर पर त्वरित कार्रवाई बल कर्मियों को तैनात किया गया है जिसे प्रदर्शनकारियों ने गत वर्ष आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया था. अधिकारियों ने बताया कि अर्द्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों द्वारा संवेदनशील और अतिरिक्त संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गयी है. कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय बल कल से ही फ्लैग मार्च कर रहे हैं.
सभी उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राजमार्ग और रेलवे पटरियां बाधित नहीं हों और सम्पत्तियां क्षतिग्रस्त नहीं हों. ताजा आंदोलन का आह्वान कुछ जाट संगठनों द्वारा किया गया है जिसमें यशपाल मलिक के नेतृत्व वाले आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति से संबद्ध संगठन शामिल हैं.
कुछ खापों की महापंचायत कल रोहतक में आयोजित हुई जिसमें उन्होंने कल से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का अपना आह्वान दोहराया और आंदोलन का विरोध करने वालों को ‘सरकार का एजेंट’ करार दिया.