बजट 2017: सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार गंभीर, निवेश को सुगम बनाने का प्रस्ताव
नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती को खत्म करने के लिए सरकार ने बुधवार को पेश बजट में सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा देने की घोषणा की. इससे इस खंड में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. साथ ही ऐसे डेवलपर्स जिनके पास बिना बिके मकान हैं, के लिए भी कर […]
नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती को खत्म करने के लिए सरकार ने बुधवार को पेश बजट में सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा देने की घोषणा की. इससे इस खंड में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. साथ ही ऐसे डेवलपर्स जिनके पास बिना बिके मकान हैं, के लिए भी कर रियायतों की घोषणा की गई है.
राष्ट्रीय आवास बैंक 2017-18 में 20,000 करोड रुपये तक के व्यक्तिगत आवास ऋण के लिए पुनर्वित्त सुविधा उपलब्ध करेगा. सस्ते मकानों को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने धारा 80-आईबीए में भी संशोधन का प्रस्ताव किया है. जिसके तहत कर कटौती के दावे के लिए परियोजना को तीन साल में पूरा करने की शर्त में ढील देकर इसे पांच साल कर दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा, कि हम सस्ते मकान क्षेत्र में ऊंचे निवेश को सुगम बनाने का प्रस्ताव करते हैं. सस्ते मकानों को अब बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिया जाएगा, जिससे इन परियोजनाओं को संबद्ध लाभ लेने में आसानी होगी. नोटबंदी के बाद प्रणाली में अतिरिक्त नकदी की वजह से बैंकों ने पहले ही अपना कर्ज सस्ता करना शुरूकर दिया है. इनमें आवास ऋण भी शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवास ऋण पर ब्याज सहायता की भी घोषणा की है. जेटली ने कहा कि कर प्रस्तावों में सस्ते मकान प्रमुख केंद्र में हैं. ‘‘पिछले साल अपने बजट प्रस्तावों हमने मुनाफे से जुडी आयकर छूट की घोषणा की थी. यह योजना सस्ते मकान की परियोजना के प्रवर्तकों के लिए थी.’ इस योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए जेटली ने इसमें कुछ बदलावों का प्रस्ताव किया है. ‘‘सबसे पहले 30 और 60 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के बजाय इसमें 30 और 60 वर्ग मीटर के कारपेट क्षेत्र को शामिल किया जाएगा.’
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के फैसले का स्वागत किया
विशेषज्ञों ने सस्ता मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देने की बजट घोषणा का स्वागत किया है. उनका मानना है कि इससे इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि डेवलपर्स को अब बैकों से तरजीही तथा निचली दर पर कर्ज उपलब्ध होगा. क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा, ‘‘हमें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि सरकार सभी को घर के मिशन को लेकर गंभीर है. बजट में इसके मद्देनजर कई सकारात्मक घोषणाएं हुई हैं. सस्ते मकानों को बुनियादी ढांचा का दर्जा मिलने से देश में घरों की आपूर्ति बढेगी और इससे जुडे लाभ भी मिल सकेंगे.” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आवास बैंक से 20,000 करोड रुपये के अतिरिक्त वित्तपोषण और ब्याज दरों में कमी से इस क्षेत्र के लिए अधिक कोष उपलब्ध होगा.
दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि (डीएचएफएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान ने कहा कि यह पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्साहजनक बजट है और इससे मांग तथा निवेश को बढावा मिलेगा. सस्ते आवास को बुनियदी ढांच क्षेत्र का दर्जा देने की बजट घोषणा को एक पुरानी मांग के पूरा होने और 2022 तक सबको मकान के लक्ष्य की दिशा में सशक्त उत्प्रेरक की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पूरे देश में बडी संख्या में निर्माण गतिविधियों को बल मिलेगा. लोटस ग्रीन के कार्यकारी निदेशक तपन संगल ने कहा कि सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा मिलने से सभी के लिए घर के लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी. निर्माण क्षेत्र के बारे में नियमों को निर्मित से कारपेट क्षेत्र में बदलने से कई परियोजनाएं सस्ते मकान के तहत आ सकेंगी, विशेषरुप से चार महानगरों में.