सोशल मीडिया पर जवान : बीएसएफ ने जवानों की मनोदशा का पता लगाने के लिए खुफिया टीम तैनात

नयी दिल्ली : अपनी शिकायतों को सोशल मीडिया पर उजागर करने के परिपे्रक्ष्य में बीएसएफ ने अपने विशेष खुफिया टीम को निर्देश दिया है कि जवानों की मनोदशा का पता लगाएं और इसने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतों की घटनाओं से ‘‘कडाई से” निपटा जा रहा है. देश के सबसे बडे सीमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2017 9:15 PM

नयी दिल्ली : अपनी शिकायतों को सोशल मीडिया पर उजागर करने के परिपे्रक्ष्य में बीएसएफ ने अपने विशेष खुफिया टीम को निर्देश दिया है कि जवानों की मनोदशा का पता लगाएं और इसने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतों की घटनाओं से ‘‘कडाई से” निपटा जा रहा है.

देश के सबसे बडे सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए इसने अपनी खुफिया टीम और अंदरुनी निगरानी को ‘‘मजबूत” किया है. बल ने भ्रष्टाचार के आरोपों और अपने ढाई लाख जवानों की शिकायतों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसने कहा, ‘‘खुफिया नेटवर्क के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया है कि बल की मनोदशा के बारे में तुरंत रिपोर्ट करें साथ ही अनुशासनहीनता के मामलों को भी तुरंत रिपोर्ट किया जाए.” इसने कहा, ‘‘इसी तरह अंदरुनी निगरानी व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है और इसे महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के मातहत अलग से बनाया गया है. बटालियन स्तर पर निगरानी अधिकारियों को रखा गया है ताकि बल में भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटा जा सके।” इसने कहा कि सभी रैंक में अनुशासनिक कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है.

अर्द्धसैनिक बल ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया में शिकायत करने के मामलों को भी कडाई से निपटा जा रहा है.” बल ने कहा कि निर्देश इसलिए जारी किए गए कि ‘‘हाल में सोशल मीडिया में शिकायत करने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं.” बल ने बताया, ‘‘इन घटनाओं का संज्ञान लिया गया है, जहां कहीं भी व्यवस्थागत असामान्यता का पता चला वहां जांच के आदेश दिए गए हैं.” सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय ने यहां बताया कि इसने ‘‘वरिष्ठ कमांडिंग अधिकारियों की टीम को सभी इकाइयों का दौरा करने के लिए भेजा है और वर्तमान व्यवस्था का ऑडिट करने को कहा गया है. ताकि अगर खामियों हैं तो उनको दुरुस्त किया जा सके.”

इसने कहा, ‘‘जवानों के साथ औपचारिक और अनौपचारिक स्तर पर वार्तालाप बढाई गई है. सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार को रोकने के लिए प्रयास जारी हैं.” बल ने बताया कि इसके पास ‘‘शिकायत निवारण की ठोस व्यवस्था” है जो निम्नतम स्तर से महानिदेशक स्तर तक है.

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