हर Like पर 5 रुपये का लालच देकर अनुभव मित्तल ने ठगे 3700 करोड़
नयी दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से करीब 7 लाख लोगों से 3700 करोड़ की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ठगी का धंधा दिल्ली से सटे नोएडा में चलाया जा रहा था. ठगी का एहसास होने के बाद सैकड़ों लोग कंपनी के बाहर एकत्रित हुए और हंगामा किया. […]
नयी दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से करीब 7 लाख लोगों से 3700 करोड़ की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ठगी का धंधा दिल्ली से सटे नोएडा में चलाया जा रहा था. ठगी का एहसास होने के बाद सैकड़ों लोग कंपनी के बाहर एकत्रित हुए और हंगामा किया.
मामले में पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर सहित तीन को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि सदस्य बनने पर कंपनी अपने उपभोक्ताओं को स्मार्टफोन पर लिंक भेजती थी और हर लाइक पर उन्हें 5 रुपये देती थी लेकिन धीरे-धीरे उपभोक्ताओं को रुपये मिलने बंद हो गए.
इस संबंध में एसएसपी (एसटीएफ) ने जानकारी दी कि कुछ दिन पहले गोरखधंधे की जानकारी हमें प्राप्त हुई थी. कंपनी वेबसाइट के माध्यम से इन्वेस्टर्स को घर बैठे पैसा कमाने का लालच देती थी. ठगी के बाद में कुछ लोगों ने सूरजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी.
गुरुवार को पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर अनुभव मित्तल, सीइओ श्रीधर और टेक्निकल हेड महेश दयाल को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि 26 साल का मित्तल बीटेक है जो लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है. ठगी का मामला उजागर होने के बाद तीनों आरोपी विदेश भागने की फिराक में थे.
जांच में बात आयी सामने
जांच में पता चला कि सेक्टर-63 में अब्लेज इन्फो सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड का दफ्तर है. यह कंपनी पहले सोशलट्रेड. बिज़ ऑनलाइन पोर्टल से ऑपरेट की जाती थी जिसका नाम बाद में बदलकर 3W डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया और फिर फ्रेंज़जुप.कॉम वेबसाइट से गोरखधंधा ऑपरेट होने लगा.
कंपनी के 12 अकाउंट
जांच में पता चला कि कंपनी के 4 प्राइवेट बैंकों में 12 अकाउंट हैं जिनमें 500 करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हैं. एसटीएफ कंपनी की बैलेंस शीट, इन्वेस्टर्स की डिटेल और उन खातों की जांच में जुटी हुई है जिनमें पैसे ट्रांसफर किये गए हैं.
ऐसे होती थी ठगी
पुलिस की माने तो, कंपनी का दावा है कि पैकेज लेकर किसी को भी घर बैठे आसानी से पैसे कमाने का लालच दिया जाता था. इसके लिए उन्हें सिर्फ पेज लाइक करने पड़ते थे और कंपनी द्वारा भेजे गए लिंक को लाइक करना होता था. कंपनी की ओर से सब्सक्राइबर के स्मार्टफोन पर दूसरे सब्सक्राइबर के फेसबुक या ट्विटर प्रोफाइल के लिंक भेजकर उन्हें लाइक करने लिए कहा जाता था जिसके लिए कंपनी की ओर से एक फेक सर्वर बनाया गया था. ऑफर के मुताबिक, हर लाइक पर 5 रुपये इन्वेस्ट करने वालों को देने की बात कही जाती थी. 5700 रुपये देकर कोई भी इसका सदस्य बन सकता था. फिर उसे दो लोगों को अपने साथ जोड़ने की प्रकिया को अंजाम देना का काम करना पड़ता था. सोशल ट्रेड कंपनी अलग-अलग प्लान के मुताबिक, उपभोक्ताओं को हर दिन 25, 50, 75 और 125 ऑनलाइन लिंक भेजने का काम करती थी. इसके लिए क्रमश: 5,750, 11,500, 28,750 और 57,500 के ऑफर कंपनी की ओर से दिए गए थे. जैसे 125 लाइक का प्लान लेकर कोई शख्स रोज 625 रुपये कमा सकता था.