नयी दिल्ली : कांग्रेस ने नोटबंदी के निर्णय को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अकेले किये गये इस फैसले के कारण आम लोग तंग-तबाह हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रधानमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए जिसके कारण देश की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गयी और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक प्रतिशत नीचे जा रहा है.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नोटबंदी का फैसला प्रधानमंत्री ने अकेले लिया और इस बारे में मुख्य आर्थिक सलाहकार और वित्त मंत्री से परामर्श नहीं किया.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के निर्णय के 87 दिन गुजर गये हैं और इस दौरान सवा सौ से अधिक लोगों की बैंकों के सामने कतारों में मौत हो चुकी है. लोग तंग और तबाह हो गये हैं. किसानों के पास खाद के लिए पैसे नहीं हैं. खेती किसानी प्रभावित हुई है. यह सब आठ नवंबर 2016 को अचानक किये गये उस फैसले के कारण हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि अब से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट कागज के टुकड़े हो जायेंगे.
खड़गे ने कहा कि आरबीआई के गर्वनर को जानकारी नहीं थी, उन्हें आठ नवंबर को कैबिनेट की आपात बैठक में जानकारी दी गई. सिर्फ 24 घंटे में लिये गये इस फैसले के कारण देश की जनता को जो परेशानी हुई है, उसकी जिम्मेदारी स्वयं प्रधानमंत्री की बनती है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नोटबंदी के निर्णय से देश की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गयी है और जीडीपी एक प्रतिशत नीचे जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी का फैसला सरकार ने केवल चुनिंदा लोगों को लीक किया और भाजपा ने इस फैसले की घोषणा से पूर्व करोड़ों रुपये की जमीन बिहार, बंगाल, राजस्थान में खरीदी. भाजपा सदस्यों ने हालांकि खड़गे के इन बयान का विरोध किया.
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सदन के कामकाज के नियमों का जिक्र करते हुए कहा कि खड़गेजी जो बातें कह रहे हैं, उसमें सत्यता नहीं है और जब तक कोई दस्तावेज सत्यापित न हो, इस तरह के आरोप नहीं लगाये जा सकते. वह ऐसा केवल लोगों को गुमराह करने के लिए कह रहे हैं. ऐसे में इन बातों को कार्यवाही से हटा देना चाहिए.