नयी दिल्ली : पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए ब्रिटेन और फ्रांस के साथ अमेरिका ने पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और पाकिस्तान स्थित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र का रुख किया, लेकिन चीन ने फिर इसका विरोध कर दिया है. मसूद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा ‘ब्लॉक’ किये जाने के महज कुछ सप्ताह बाद अमेरिका द्वारा लाये गये प्रस्ताव को चीन ने ‘स्थगित’ कर दिया. इसके बाद भारत ने इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठाया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन के साथ अमेरिका ने अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए पिछले महीने के दूसरे पखवाड़े में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 के समक्ष प्रस्ताव पेश किया. वाशिंगटन व नयी दिल्ली के बीच विचार-विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया था. इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमें इसकी जानकारी है. मामले को चीनी सरकार के समक्ष उठाया गया है.
फ्रांस और ब्रिटेन का मिला साथ, भारत ने बीजिंग के समक्ष उठाया मुद्दा
अमेरिकी कदम का विरोध: प्रस्ताव को स्थगित कर चीन ने अमेरिकी कदम का विरोध किया है. अधिकारियों के मुताबिक, किसी भी प्रस्ताव को छह माह के लिए स्थगित किया जा सकता है. इसकी मियाद तीन और माह के लिए बढ़ायी जा सकती है. इस दौरान कभी प्रस्ताव को ब्लॉक किया जा सकता है, जिसके साथ ही कोई भी प्रस्ताव खत्म हो जाता है.
चीन अपने अड़ियल रुख पर अड़ा
चीन यूएन द्वारा अजहर को प्रतिबंधित किये जाने के प्रयासों का लगातार विरोध करता रहा है. मसूद पर 2001 में यूएन ने बैन लगा दिया था. पठानकोट हमले के बाद भारत ने फरवरी में अजहर के खिलाफ कार्रवाई की मांग थी. चीन ने दिसंबर में भारतीय प्रस्ताव को ब्लॉक करने से पहले दो बार इसे तकनीकी रूप से स्थगित किया.