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बजट निराशाजनक, नोटबंदी निजता का हनन : राज्यसभा में पी चिदंबरम

नयी दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज राज्यसभा में आम बजट 2017 पर चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने अपने संबोधन में बजट को निराशाजनक और नोटबंदी को असफल बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान की चर्चा करते हुए कहा कि हमप्रधानमंत्री कोउनकेवक्तव्य से रोकना नहीं चाहते इसलिए कल हम सदन से बाहर चले […]

नयी दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज राज्यसभा में आम बजट 2017 पर चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने अपने संबोधन में बजट को निराशाजनक और नोटबंदी को असफल बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान की चर्चा करते हुए कहा कि हमप्रधानमंत्री कोउनकेवक्तव्य से रोकना नहीं चाहते इसलिए कल हम सदन से बाहर चले गये. चिदंबरम ने डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन की चर्चा करते हुए कहा, ट्रंप ने अपनी चुनावी सभा में कई ऐसी बातें कही जिसका सबने विरोध किया. लेकिन जब उन्होंने शपथ ली तो अपने संबोधन की शुरुआत फेलो अमेरिकासंबोधन से की. उन्होंने ओबामा, क्लिटंन सबकी चर्चा की. हर प्रधानमंत्री एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री बनता है.

खेद जतायें पीएम

पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने बयान पर खेद जताना चाहिए. कम से कम उन्हें इतना तो कहना चाहिए कि उनका इरादा डॉ मनमोहन सिंह की छवि को नुकसान पहुंचाने का नहीं था. अगर उनके संबोधन से ऐसा प्रतीत हुआ है तो उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए. चिदंबरम ने नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा, बगैर तैयारी के यह फैसला ले लिया गया. नोटबंदी के बाद मैंने एटीएम में लोगों को भेजा कई एटीएम बंद थे. मैंने चार दिनों के बाद दो हजार के नोट देखे. पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, क्या सच में आपको लगता है आप बैंक से अब तय राशि निकला सकते हैं. अभी भी परेशानियां हैं.

नोटबंदी पर चिदंबरम का निशाना

चिदंबरम ने नोटबंदी को बहुत बड़ा कदम बताते हुए कहा, इतना बड़ा फैसला लिया लेकिन उससे कुछ फायदा नहीं हुआ. मैं अपनी कमजोर हिंदी में यह कहना चाहूंगा, खोदा पहाड़ निकली चुहिया. नोटंबदी के पीछे आपका मकदस भ्रष्टाचार को कम करना था. आपने कहा, 500 और 1000 के नोट से भ्रष्टाचार बढ़ा. सरकार की तरफ से कोई भी मुझे समझा दे कि 2000 के नोट से कैसे भ्रष्टाचार कम होगा. आप (सरकार) इस पर बचाव की कोशिश करेंगे मुझे पता है. आप कैशलेस की बात करेंगे लेकिन कई ऐसे देश हैं जहां कैश चल रहा है. ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें फ्रांस, कनाडा, अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.

निजता का हनन

चिदंबरम ने डिजिटल लेन-देन को कई मामलों में निजता का हनन बताया. उन्होंंने कहा, अगर कोई निजी सामन खरीदना चाहता है तो इसका रिकार्ड क्यों दे. किसी परिवार में कोई किसी की मदद करना चाहता तो इसका रिकाई क्यों दें. किसी को कोई दवा खरीदनी है इसका रिकार्ड क्यों दें. नोटबंदी पूरी तरह से असफल है आप यह जानता हैं लेकिन आप इसका बचाव करेंगे.

बजट पर क्या बोले

इस बजट से बहुत निराशा हुई है. बजट बनाने में किसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल नहीं किया गया. आपने बजट में कई चीजों में कटौती की, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ. मैं बिजली के बिना रह सकता हूं लेकिन काम के बिना नहीं रह सकता. कारोबार, नौकरी जैसी चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया. नोटबंदी से निराशा हुई. पिछले साल वित्त मंत्री ने कई वादे किये थे लेकन पूरा नहीं किया. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आप तेजी से नीचे आ रहे हैं. यह आपकी असफलता का प्रतीक है. आप लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर नहीं उठा पा रहे. नौजवान लोग नौकरी के इंतजार में हैं.

कार्यवाही शुरू होने पर राज्यसभा में मोदी की टिप्पणी पर खूब मचा हंगामा

राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल की टिप्पणी पर खूब हंगामा मचा. इस कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई है और खबर लिखे जाने तक सुचारू ढंग से चल रही है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मनमोहन के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि उनके शासनकाल में इतना कुछ हो गया और इन पर एक दाग नहीं लगा. मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि रेनकोट पहनकर बाथरूम में नहाना इनसे सीख सकते हैं.

हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने जहां कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ की गयी टिप्पणी के विरोध में नारे लगाए, वहीं अन्नाद्रमुक सदस्य भी आसन के समक्ष आ कर मांग कर रहे थे कि तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करते हुए अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को तत्काल राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएं.

हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उसी दौरान अन्नाद्रमुक सदस्य अपना मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ गए. कुरियन ने उनसे अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि वह बाद में उन्हें बोलने का अवसर देंगे. अन्नाद्रमुक सदस्य अपने स्थानों पर आ गए. कांग्रेस, वाम दलों और जदयू ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणियों पर आपत्ति जतायी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने ‘‘अपमानजनक भाषा’ का उपयोग किया है.

आज इसी मुद्दे पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया. विपक्ष ने तय किया है कि वे सदन में प्रधानमंत्री को बोलने नहीं देंगे और उनका बहिष्कार करेंगे. कल भी मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर बहिर्गमन किया था.

प्रधानमंत्री के बयान के विरोध में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है. पीएम के भाषण का विरोध करते हुए विपक्ष ने कहा, जबतक पीएम अपने बयान पर खेद नहीं जताते तबतक उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा.

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