अफजल गुरु की बरसी पर घाटी में हिंसा की आशंका, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जम्मू : संसद पर हमले में शामिल अफजल गुरु की बरसी (नौ फरवरी) पर कश्मीर घाटी में हिंसा की साजिश रची गयी है. अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि घाटी में अगले तीन दिन तनावपूर्ण होंगे. इसको लेकर घाटी में सीआरपीएफद्वारा संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त तैनाती की गयी […]
जम्मू : संसद पर हमले में शामिल अफजल गुरु की बरसी (नौ फरवरी) पर कश्मीर घाटी में हिंसा की साजिश रची गयी है. अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि घाटी में अगले तीन दिन तनावपूर्ण होंगे. इसको लेकर घाटी में सीआरपीएफद्वारा संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त तैनाती की गयी है. डाउन टाउन सहित अन्य इलाकों में भी पुख्ता प्रबंध किये गये है. साथ ही जिन बटालियनों की वापसी प्रस्तावित थी, उन्हें 12 फरवरी तक रोक लिया गया है.
नौ फरवरी को अफजल गुरु की बरसीकेसाथ ही 10 फरवरी को जुमे के दिन यूएन चलो की कॉल दी गयी है. वहीं, 11 फरवरी को अलगाववादियों ने मकबूल भट की बरसी पर फिर बंद का आह्वान किया है. इन तीन दिनों में दोबारा से पत्थरबाजों को भड़काने की साजिश रचीगयी है. सुरक्षा एजेंसियों के पास इनपुट हैं कि कश्मीर हिंसा के बाद घाटी में अलगाववादियों के फरमान अवाम की ओर से नजरअंदाज किए जाने से बौखलाईं तंजीमों ने दोबारा से पत्थरबाजी के लिए लोगों को भड़काने की साजिश पर काम करना शुरू किया है. इसके लिए लंबे समय बाद बंद की कॉल दी गयी है.
प्रशासन ने उच्च स्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की है. खुफिया विभाग को अलगाववादियों तथा पत्थरबाजों की गतिविधियों पर निगरानी रखने को कहा गया है.