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सांबा में बीएसएफ जवान तेज बहादुर से मिल सकेंगी उनकी पत्नी

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की पत्नी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आज तत्काल सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान अदालत ने तेज बहादुर की पत्नी को सप्ताहांत में उनसे मिलने की अनुमति दी. यह मुलाकात जम्मू कश्मीर के सांबा में होगी. उधर, सुनवाई के […]

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की पत्नी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आज तत्काल सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान अदालत ने तेज बहादुर की पत्नी को सप्ताहांत में उनसे मिलने की अनुमति दी. यह मुलाकात जम्मू कश्मीर के सांबा में होगी. उधर, सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय का पक्ष रखते हुए उसके वकील ने कहा कि तेज बहादुर को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है, बल्कि उनका ट्रांसफर दूसरे बटालियन में किया गया है.

मालूम हो कि तेज बहादुर यादव खराब खाने का वीडियो पोस्ट करके अचानक सुर्खी में आ गये थे. उन्होंने जवानों को खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिए जाने का आरोप लगाया था. उनकीपत्नी ने दावा किया है कि उसका पति तेज बहादुर यादव लापता है और उनका परिवार उनसे पिछले तीन दिनों से संपर्क नहीं कर पाया है. आज पूर्वाह्न न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ के समक्ष याचिका की तत्काल सुनवाई का जिक्र किया गया. पीठ ने इस मामले को अपराह्नमेंसुनवाई केलिए सूचीबद्ध किया था.

सुबह जवान की पत्नी की ओर से पेश हुए वकील मनीष तिवारी ने कहा था कि जवान का पिछले कुछ दिनों से कोई अता-पता नहीं है इसलिए अदालत को इस मामले में सुनवाई करनी चाहिए.

यादव ने नौ जनवरी को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में खाने का एक डिब्बा दिखाया गया था जिसमें पानी जैसी दाल और एक जली हुई रोटी थी. यादव ने कहा था कि इस दाल में केवल हल्दी और नमक है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा समेत ड्यूटी पर तैनात जवानों को यह भोजन दिया जाता है और वे अक्सर खाली पेट सोने चले जाते हैं.

सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल तो पीएमओ ने लिया नोटिस

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं बीएसएफ से विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय में भी एक जनहित याचिका दायर करके स्वास्थ्यवर्धक भोजन पकाने एवं उसके वितरण पर नजर रखने के लिए उच्च अधिकारियों को तैनात करने का सरकार को आदेश देने की अपील की गयी थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने बीएसएफ समेत विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों को नोटिस जारी करके जवानों को खराब गुणवत्ता का भोजन दिए जाने के आरोपों पर उनसे अपना रुख बताने को कहा था. जनहित याचिका दायर किए अभी एक महीने से भी कम समय हुआ है और इस बीच यादव की पत्नी शर्मिला और उनके परिवार ने दावा किया है कि जवान लापता है और वे उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. शर्मिला ने यादव के लापता होने और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की उनकी याचिका के हाल में खारिज होने के संबंध में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

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