मंगलवार को हो सकता है शशिकला के भाग्य का फैसला

नयी दिल्ली / चेन्नई : मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ओ पन्नीरसेल्वम के साथ उलझीं अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला के राजनीतिक भविष्य को तय करने वाला उच्चतम न्यायालय का अहम फैसला मंगलवार को आ सकता है. उच्चतम न्यायालय में मंगलवार कोसुनवाई होने वाले मामलों की सूची के मुताबिक आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2017 10:17 PM

नयी दिल्ली / चेन्नई : मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ओ पन्नीरसेल्वम के साथ उलझीं अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला के राजनीतिक भविष्य को तय करने वाला उच्चतम न्यायालय का अहम फैसला मंगलवार को आ सकता है. उच्चतम न्यायालय में मंगलवार कोसुनवाई होने वाले मामलों की सूची के मुताबिक आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला के भविष्य को बनाने या बिगाडने वाला फैसला मंगलवार को सुबह साढे दस बजे आने की संभावना है.

न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ विभिन्न अपीलों पर कल अपना आदेश सुनायेगी. उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता और उनकी प्रमुख सहयोगी वी के शशिकला को सभी आरोपों से बरी कर दिया था जिसके बाद कर्नाटक सरकार और अन्य ने इस फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी थी. जयललिता का निधन हो जाने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई समाप्त हो जाएगी लेकिन शशिकला, उनके रिश्तेदार वी एन सुधाकरण और इलावरासी पर कोई फैसला आ सकता है. चारों को निचली अदालत ने दोषी साबित किया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था.
लंबे समय तक जयललिता की साथी रहीं शशिकला का राजनीतिक भविष्य पूरी तरह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा. पांच फरवरी को अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयीं शशिकला दोषसिद्धि की स्थिति में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएंगी और इस तरह मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा पर पानी फिर जाएगा. उच्चतम न्यायालय के संभावित आदेश की जानकारी ऐेसे दिन मिली है जब अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आज तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव को सलाह दी है कि शशिकला और कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम में से किन्हें अन्नाद्रमुक विधायकों का बहुमत प्राप्त है यह तय करने के लिए शक्ति परीक्षण के वास्ते विधानसभा का सत्र एक हफ्ते के अंदर बुलाया जाए.
सूत्रों ने बताया कि रोहतगी ने कहा है कि ‘‘उन्हें :राज्यपाल को: एक हफ्ते के अंदर विशेष सत्र बुलाना चाहिए और शक्ति परीक्षण कराना चाहिए जैसा कि जगदंबिका पाल प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था.’ अटार्नी जनरल ने जगदंबिका पाल से जुडे उच्चतम न्यायालय के 1998 के फैसले का हवाला दिया. तब शीर्ष अदलात ने आदेश दिया था कि दो दावेदारों- पाल एवं कल्याण सिंह में किन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए बहुमत प्राप्त है, यह तय करने के लिए सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाए.
यदि राज्यपाल अटार्नी जनरल की राय के हिसाब से आगे बढते हैं तो प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक गुटों के बीच का विवाद सदन के पटल पर तय हो जाएगा. शशिकला ने पिछले बृहस्पतिवार को सरकार बनाने का दावा किया था, तब से राज्यपाल ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया है.
राज्यपाल विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाये बगैर भी शशिकला को मुख्यमंत्री की शपथ दिला सकते हैं क्योंकि वह पहले ही अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयी हैं. पन्नीरसेल्वम की बगावत के बावजूद शशिकला को पार्टी विधायकों का बहुमत प्राप्त है. उनमें से छह अपनी निष्ठा कार्यवाहक मुख्यमंत्री की तरफ बदल चुके हैं.
पन्नीरसेल्वम को 11 सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है. इस बीच तमिलनाडु सरकार ने दो विधायकों की पेशी की मांग संबंधी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की सुनवाई कर रही मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि इन दोनों के अलावा 119 विधायकों ने बयान दर्ज कराये हैं कि उन्हें अवैध रुप से नहीं रखा गया है. इन सारे विधायकों को चेन्नई के बाहरी इलाके में एक रिसोर्ट में ठहराये जाने की बात सामने आ रही है. तमिलनाडु में 234 सदस्यीय विधानसभा है और शशिकला शक्तिपरीक्षण के दौरान आसान जीत को लेकर आशान्वित हैं लेकिन प्रतिकूल अदालती आदेश उनकी मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षा पर तुषारापात कर सकता है.

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