शशिकला ने टी टी वी दिनाकरन को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया

चेन्नई : अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला नटराजन ने आज राज्यसभा के पूर्व सदस्य टी टी वी दिनाकरन को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया गया. साथ ही उन्होंने अपने संबंधियों दिनाकरन और वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल किया. दोनों को जयललिता ने 2011 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. भ्रष्टाचार मामले में दोषी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 10:26 AM

चेन्नई : अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला नटराजन ने आज राज्यसभा के पूर्व सदस्य टी टी वी दिनाकरन को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया गया. साथ ही उन्होंने अपने संबंधियों दिनाकरन और वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल किया. दोनों को जयललिता ने 2011 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के एक दिन बाद शशिकला ने यह अहम कदम उठाते हुए घोषणा की कि पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनाकरन को पार्टी का उपमहासचिव नियुक्त किया गया है और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से उनका सहयोग करने को कहा.

शशिकला ने कहा कि दोनों द्वारा निजी तौर पर और पत्र के जरिए ‘‘माफी” मांगे जाने के बाद उन्हें फिर से शामिल किया गया है. शशिकला ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘दिनाकरन और वेंकटेश ने अपने कामों के लिए व्यक्तिगत रुप से और पत्र लिखकर माफी मांगी और उन्हें पार्टी में (फिर से) शामिल किए जाने का अनुरोध किया जिसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल होने की अनुमति दी गयी.” दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने वर्ष 2011 में शशिकला और उनके पति एम नटराजन के अलावा दिनाकरन और वेंकटेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उनके पार्टी एवं सरकार के प्रशासन में हस्तक्षेप करने की रिपोर्टों के मद्देनजर उन्हें पार्टी से निकाला गया था.

शशिकला को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में कल दोषी ठहराया गया था. उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए उनको और उनके दो संबंधियों को चार साल कारावास की सजा सुनाई थी. दिनाकरन अन्नाद्रमुक के उस 12 सदस्यीय दल का हिस्सा थे जिसने राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव से मुलाकात की थी और सरकार गठन का दावा किया था.

शशिकला ने मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम सहित पार्टी से बागी नेताओं को बर्खास्त कर दिया था लेकिन उन्होंने शशिकला के इस अधिकार पर सवाल उठाए थे और कहा था कि उनके पास किसी को नियुक्त करने या हटाने का अधिकार नहीं है.

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