चेन्नई : दर्शनशास्त्र और अध्यात्म की पुस्तकों को पढ़ने का शौक रखने वाले टीटीवी दिनाकरन को शशिकला ने अन्नाद्रमुक का उप महासचिव बना दिया. अन्नाद्रमुक का महासचिव पद संभालना पहले से ही विवाद में और उस पर उन्होंने खुद के जेल जाने से ठीक पूर्व यह नियुक्ति कर एक और विवाद खड़ा कर दिया है. दिनाकरण को यह पद शशिकला ने उनकी किसी विशेष योग्यता या कौशल से प्रभावित होकर नहीं दिया है, बल्कि इसलिए दिया है क्योंकि वह उनके भतीजे हैं. ताकि पार्टी उनके या उनके परिवार के हाथों में रह सके.
इस नियुक्ति से ओ पन्नीरसेल्वमधड़े के उस अाराेपको ही बल मिला कि शशिकला पार्टी के अंदर परिवारवार को बढ़ा रही हैं और पार्टी के एक परिवार के हाथ में जानेका खतराउत्पन्न हो गया.पन्नीरसेल्वम धड़ा इसेअम्मा यानी जयललिताकेसपनोंकेउलटहै. भले ही शशिकला ने यह फैसला खुद के जले में रहने के दौरान पार्टी संगठन पर पकड़ मजबूत बनाये रखने के उद्देश्य से किया है, लेकिन संभावना है कि यह फैसला उलट पड़ेगा.
टीटीवीदिनाकरन पूर्व में लोकसभाव राज्यसभा के एक-एक बार सदस्य रह चुके हैं. वे 2004 से 2011 तकराज्यसभा के सदस्य थे और पार्टी ने उन्हें इसरूप में दोहराया नहीं. दरअसल,जयललिता ने उन्हें 2011 में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 54वर्षीया दिनाकरन अम्मा के समय एक बार पार्टी कोषाध्यक्ष भी रहे थे.
दिनाकरन के अलावा शशिकला ने अपने परिवार के सदस्य वेंकटेश को भी पार्टी में दोबारा शामिल कर लिया. उन्हें भी जयललिता ने बाहर का रास्ता दिखाया था. दिनाकरन खुद को राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं.