नयी दिल्ली : आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान बाधा डालने वाले लोगों और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और आईएसआईएस का झंडा लहराने वालों से राष्ट्र विरोधी के तौर पर निपटा जायेगा और उन्हें ‘कड़ी’ कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. यह बात आज सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कही. कश्मीर में कल अलग-अलग मुठभेड़ में एक मेजर सहित चार सैनिक शहीद हो गये. सैनिकों को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सेनाप्रमुख ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने यह कड़ा संदेश दिया.
जनरल रावत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल ज्यादा हताहत इसलिए हो रहे हैं कि स्थानीय लोग उनके अभियान में बाधा डालते हैं और ‘कई बार आतंकवादियों के भागने में मदद करते हैं.’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘हम स्थानीय आबादी से आग्रह करेंगे कि जिन लोगों ने हथियार उठाये हैं और वे स्थानीय लड़के हैं और अगर वे आईएसआईएस तथा पाकिस्तान के झंडे लहराकर आतंकवादी कृत्य करना चाहते हैं तो हम उनको राष्ट्र विरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘आज हो सकता है कि वे बच जाएंगे लेकिन कल हम उन्हें पकड़ ही लेंगे. हमारा अनवरत अभियान जारी रहेगा.’ प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा,‘बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गये. भारत हमेशा उनकी कुर्बानी को याद रखेगा.’ जनरल रावत ने कहा कि जो लोग आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं उन्हें एक अवसर दिया जा रहा है लेकिन अगर वे अपने कृत्यों को जारी रखते हैं तो सुरक्षा बल उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
हंदवाडा और बांदीपुरा अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उन्हें अवसर दे रहे हैं, इसके बावजूद अगर उनका कृत्य जारी रहता है तो हम अनवरत अभियान चलाएंगे और कठोर कदम भी उठा सकते हैं.’ सेना प्रमुख ने कहा कि ‘अगर वे नहीं रुकते हैं और हमारे अभियान में बाधा डालते हैं तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.’ सुरक्षा बलों को आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान कश्मीर के कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है.
बांदीपुरा जिले के हाजिन इलाके के पार्रे मोहल्ला में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कल तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे जबकि एक अन्य जवान उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में शहीद हो गया था. अभियान में चार आतंकवादी भी मारे गये थे.