भारत में पैर पसार रहा है अलकायदा …
वाशिंगटन / नयी दिल्ली : शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के इस्लामिक स्टेट के साथ ‘‘पहले से व्यस्त” होने का फायदा उठाकर अलकायदा दक्षिण एशिया में फिर से खुद को मजबूत कर रहा है और पश्चिमी पाकिस्तान में अपने ‘‘घर” से भारत में अपनी विचारधारा के प्रसार की तैयारी कर रहा […]
वाशिंगटन / नयी दिल्ली : शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के इस्लामिक स्टेट के साथ ‘‘पहले से व्यस्त” होने का फायदा उठाकर अलकायदा दक्षिण एशिया में फिर से खुद को मजबूत कर रहा है और पश्चिमी पाकिस्तान में अपने ‘‘घर” से भारत में अपनी विचारधारा के प्रसार की तैयारी कर रहा है. जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर सिक्योरिटी स्टडीज के ब्रूस हॉफमैन ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के सदस्यों से कहा, ‘‘अलकायदा कभी नहीं बदला और वह अब भी यही समझता है कि वह पश्चिम और विशेषकर अमेरिका के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई रहा है.”
उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष मैक थॉर्नबेरी से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह हमारे आईएसआईएस के साथ व्यस्त होने का फायदा उठाकर खुद को फिर से, खासकर दक्षिण एशिया में मजबूत बना रहा है.” हॉफमैन ने आतंकवाद एवं आतंकवाद के खिलाफ रणनीतियों पर कल कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कहा कि अलकायदा ‘‘भारत में अपनी विचारधारा के प्रसार की तैयारी कर रहा है” जो विश्व में सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों के मामले में दूसरे नंबर पर है. उन्होंने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश और म्यांमा में उसका प्रभाव पहले ही देख रहे हैं.”
कॉम्बेटिंग टेरररिज्म सेन्टर, वेस्ट प्वाइंट के माइकल शीहान ने एक सवाल के जवाब में सांसदों से कहा कि पाकिस्तान का संघ प्रशासित जनजातीय इलाका अलकायदा का ‘‘घर” है जो पारंपरिक तौर पर अमेरिका के लिए सबसे बडा कूटनीतिक खतरा है. शीहान ने कहा, ‘‘वे उन लोगों में से हैं जिन्होंने अफ्रीका में हमारे दूतावासों में आग लगायी और 9/11 हमले के लिए जिम्मेदार है. वे पाकिस्तान में रहते हैं. उनमें से कुछ वापस अफगानिस्तान चले गये लेकिन उनके लिए अफगानिस्तान से अपने मंसूबों को अंजाम देना मुश्किल है क्योंकि हमने अफगानिस्तान के चारों ओर फैले इलाके को घेर रखा है.” उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान कूटनीतिक रुप से अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण नहीं है. वह महत्वपूर्ण इसलिए है कि वहां अलकायदा है जिसने वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर को गिराया.”