ट्रिपल तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने बताया गंभीर मसला, 30 मार्च को तय होंगे मुद्दे

नयी दिल्ली : ट्रिपल तलाक मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, अत: इसपर सुनवाई होनी चाहिए. कोर्ट ने संबंधित सभी पक्षों को निर्देश दिया है कि वे अपना पक्ष लिखित रूप में 30 मार्च तक एटार्नी जनरल के पास जमा करायें. ट्रिपल तलाक, निकाह, हलाला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2024 8:10 PM

नयी दिल्ली : ट्रिपल तलाक मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, अत: इसपर सुनवाई होनी चाहिए. कोर्ट ने संबंधित सभी पक्षों को निर्देश दिया है कि वे अपना पक्ष लिखित रूप में 30 मार्च तक एटार्नी जनरल के पास जमा करायें.

ट्रिपल तलाक, निकाह, हलाला और बहुविवाह की प्रथा पर 30 मार्च को विचार के लिए मुद्दे तय करेगा. पिछली सुनवाई में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक और हलफनामा दाखिल कर केंद्र की दलीलों का विरोध किया था. बोर्ड ने अपने हलफनामे में कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा ट्रिपल तलाक को महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन बताना गलत है.

बोर्ड की दलील है कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकार के कसौटी पर चुनौती नहीं दी जा सकती. ट्रिपल तलाक, निकाह हलाला जैसे मुद्दे पर कोर्ट अगर सुनवाई करता है तो ये जूडिशियल लेजिस्लेशन की तरह होगा. हलफनामे में पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि पर्सनल लॉ को चुनौती नहीं दी जा सकती.

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