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अब आगे क्या करेंगे पन्नीरसेल्वम, क्या खत्म हो जायेगा करियर?

चेन्नई : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को विधानसभा में सिर्फ 11 वोट मिले. हालांकि पन्नीरसेल्वम ने विश्वासमत के बाद कहा कि हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई. मैं लोगों से मिलूंगा सभाएं करूंगा और अपनी बात रखूंगा. पन्नीरसेल्वम ने जनता के पास जाकर सच्चाई रखने की बात कही है. इन सब के बीच […]

चेन्नई : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को विधानसभा में सिर्फ 11 वोट मिले. हालांकि पन्नीरसेल्वम ने विश्वासमत के बाद कहा कि हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई. मैं लोगों से मिलूंगा सभाएं करूंगा और अपनी बात रखूंगा. पन्नीरसेल्वम ने जनता के पास जाकर सच्चाई रखने की बात कही है. इन सब के बीच पन्नीरसेल्वम को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. पार्टी दो गुटों में बट गयी है. विश्वासमत के बाद जाहिर है पन्नीरसेल्वम के पक्ष में कम लोग हैं. सरकार पर शशिकला गुट के कब्जे से पहलेसेपार्टी पर भी उनका कब्जा है. ऐसे में उनका भविष्य क्या होगा इसे लेकर गहरे सवाल खड़े होते हैं?

पार्टी और सत्ता दोनों हाथ से गयी
जयललिता के निधन के बाद शशिकला के ने धीरे-धीरे पार्टी पर कब्जा कर लिया. महासचिव बनने के बाद शशिकला ने बैठक बुलायी और विधायक दल का नेता चुन ली गयीं. पन्नीरसेल्वम पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा. पहले तो उन्होंने चुपचाप इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के कुछ दिनों के बाद उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए कहा मैंने दबाव में इस्तीफा दिया. उनके इस बयान से पार्टी में बवाल मच गया. कुछ विधायक और नेता ओ पन्नीरसेल्वम के पक्ष में आ गये और पार्टी दो गुटों में बंट गयी. शशिकला ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, लेकिन उन्हें न्यौता नहीं मिला. विधायकों को एक रिजॉट में रखा गया और अब नतीजा सामने है. शशिकला भले ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल चली गयी हों लेकिन उन्होंने ई पलानीशामी को अपनी जगह छोड़ दिया.
अब क्या करेंगे पन्नीरसेल्वम
बहुमत साबित होने के बाद पन्नीरसेल्वम निराश दिखे. जयललिता ने उन्हें उस वक्त मुख्यमंत्री चुना था जब उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाना पड़ा था. पन्नीरसेल्वम पहले ही पार्टी से निकाले जा चुके हैं. शशिकला ने उन्हें डीएमके के हाथ की कठपुतली बताया था. हालांकि एक अंग्रेजी अखबार को दिये इंटरव्यू में पन्नीरसेल्वम ने साफ कर दिया था कि कुछ भी हो वह पार्टी नहीं छोड़ेगे. जयललिता की इस पार्टी में उनके लिए हमेशा जगह है और वह जयललिता के सपनों को पूरा करने के लिए काम करते रहेंगे.
बहुमत भले साबित हुआ है खत्म नहीं हुआ है विरोध और हंगामा
तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद से ही गहमागहमी शुरू हो गयी थी. राजनीति में उठापटक तेज तब हुई जब ओ पन्नीरसेल्वम को इस्तीफा देना पड़ा. विधानसभा में ध्वनिमत सेपलानीसामीने जरूर बहुमत हासिल कर लिया हो लेकिन हंगामा और विरोध अभी खत्म होना संभव नहीं लगता. पन्नीरसेल्वम ने संकेत दे दिये हैं कि अभी लोकतंत्र की लड़ाई जारी रहेगी.

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