राहुल गांधी अभी मैच्योर नहीं हुए हैं, कृपया उन्हें थोड़ा वक्त दीजिए: शीला दीक्षित
नयी दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसकी चर्चा राजनीति के गलियारे में हो रही है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार रह चुकीं शीला ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी मैच्योर नहीं हुए हैं. […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसकी चर्चा राजनीति के गलियारे में हो रही है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार रह चुकीं शीला ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी मैच्योर नहीं हुए हैं. उन्हें मैच्योर होने के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ हुए गंठबंधन पर उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन से उन्हें कोई परेशानी नहीं है और वह खराब सेहत की वजह से प्रचार नहीं कर पा रहीं हैं. शीला ने कहा कि यह ऐसा वक्त है जब हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. बदलाव का स्तर जेनरेशन के साथ राजनीति में भी आ रहा है. पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो राजनीति की भाषा में भी काफी बदलाव देखने को मिला है. कांग्रेस इन सभी बदलावों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है.
शीला ने कहा कि पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बारे में जो कहा, इसकी हमने कभी उम्मीद भी नहीं की थी. आगे उन्होंने कहा कि आपको ध्यान रखना होगा कि राहुल गांधी अभी मैच्योर नहीं हुए हैं. वह अभी उम्र के… 40वें पायदान में हैं. इस उम्र में उनसे पूरी तरह परिपक्व होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
राहुल गांधी की तारीफ करते हुए शीला ने यह भी कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से अब तक राहुल में काफी बदलाव आया है. राहुल ने राजनीति में काफी कुछ सीखा है. वह बैठक में शामिल होते हैं. सबसे जरूरी बात कि वह मासूमियत से अपने दिल की बात कहते नजर आते हैं.
शीला ने कहा कि कांग्रेस गरीब और वंचितों को आगे बढाने में विश्वास करती है. राहुल अकेले शख्स हैं जो किसानों के बारे में सोच रखते हैं और उनकी बातें करतें हैं. उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने के सवाल पर उन्होंने बहुत ही सहजता से कहा कि यह कहना गलत है कि सीएम पद की उम्मीदवार नहीं रहने के कारण मैंने चुनाव प्रचार नहीं किया. मुझे कानपुर और वाराणसी में रैलियां करनी थीं, लेकिन मेरी सेहत मेरा साथ नहीं दे रही है. इसलिए मैं प्रचार में हिस्सा ले सकने में असमर्थ हूं. गठबंधन के संबंध में शीला ने कहा कि गठबंधन का स्वागत करना चाहिए. अखिलेश की छवि अन्य नेताओं से काफी अच्छी है और जनता उन्हें पसंद करती है.
शीला ने आगे कहा कि मायावती के पास अखिलेश जैसी शैली नहीं है और भाजपा के पास सूबे में कोई चेहरा नहीं है.