चेन्नई : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने एक नये फोरम का निर्माण किया है. दीपा इस संघ का नाम "एमजीआर अम्मा दीपा पैरवी " रखा है. दीपा ने कहा, हम जरूर आने वाले समय में स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा लेंगे. पार्टी लांच के मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए शशिकला और पलानीसामी पर जमकर निशाना साधा. दीपा ने कहा, एक गद्दार ग्रुप सरकार के पीछे से काम कर रहा है.
हम इस ग्रुप को बाहर फेंक देंगे. दीपा ने कहा यह फोरम युवाओं के लिए बनाया गया है औऱ हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा युवा इसमें जुड़ें. दीपा ने कहा कि पलानीसामी वो व्यक्ति नहीं हैं जिसे लोग मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते थे. जिस तरह की हाईजैकिंग पार्टी के भीतर हुई है वह बिल्कुल ठीक नहीं है, लोग लगातार अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं, मैं उनसे मिलूंगी और बात करूंगी.
जयललिता की संपत्ति पर भी दावा
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी संपत्ति अपनी इच्छा से उनके और उनकी बहन के नाम कर दी, जिसमें दिवंगत मुख्यमंत्री का पोएस गार्डन स्थित वेद निलयम बंगला भी शामिल है. जयकुमार ने कहा कि शशिकला का शीर्ष पद हासिल करना तमिलनाडु की जनता को स्वीकार नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि पाटी के सदस्य टीटीवी दिनाकरन को अन्नाद्रमुक का उपमहासचिव बनाए जाने के पक्ष में भी नहीं हैं.
टेलिविजन समाचार चैनल से बात करते हुए जयकुमार ने दिनाकरन और एस वेंकटेश को दोबारा पार्टी में शामिल करने पर भी सवाल उठाए. जयकुमार ने कहा कि दीपा अन्नाद्रमुक में शामिल हो सकती हैं लेकिन वेंकेटेश और दिनाकरन नहीं. वह स्पष्ट रुप से 2011 का हवाला दे रहे थे, जब इन दोनों को जयललिता ने पार्टी से निकाला था.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वह परिवार का शासन लाना चाह रहे हैं. हो सकता है कि इन दोनों ने शशिकला को पार्टी उन्हें सौंप देने के लिए मजबूर किया हो.’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि पार्टी कैडर भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे. जयकुमार ने चैनल से कहा कि हो सकता है कि ऐसी स्थिति आए जब पार्टी टूट जाए और द्रमुक को राज्य में सरकार बनाने में समर्थन दे दे.
जारी है राजनीतिक उठापटक
तमिलनाडु में राजनीतिक उठापटक जारी है. आज तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होने राज्य के हालात की जानकारी दी. सोनिया से मिलकर बाहर आये स्टालिन ने कहा,मैंने राज्य के हालत पर सोनिया गांधी से चर्चा की है. दूसरी तरफ पलानीसामी अहम फैसले लेने में लगे हैं. उन्होने लगभग 500 शराब दुकानें बंद करने का फैसला लिया है.
आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने कहा, लगभग पांच दिनों में यह काम पूरा हो जायेगा. उन्होने कहा, जयललिता के निधन में कोई रहस्य नहीं है. लोग इसे अपने फायदे के लिए बड़ा बना रहे हैं. दूसरी तरफ पन्नीरसेल्वम साफ कह रहें है कि हम जयललिता के निधन पर जांच की मांग कर रहे हैं और इसके लिए लड़ते रहेंगे.