बीएमसी : गंठबंधन को लेकर रहस्य कायम, जोड़तोड़ जारी

नयी दिल्ली/मुंबई : बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में सत्ता के लिए गंठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है. कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इनकार किया है, वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया. दूसरी तरफ, भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेने से इनकार किया है. मुंबई कांग्रेस के प्रमुख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2017 7:40 AM

नयी दिल्ली/मुंबई : बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में सत्ता के लिए गंठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है. कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इनकार किया है, वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया. दूसरी तरफ, भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेने से इनकार किया है. मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम ने शनिवार को कहा कि पार्टी समान विचारधारावाले दलों के साथ विचार-विमर्श करने की योजना बना रही है, ताकि महापौर के चुनाव के लिए साझा उम्मीदवार बनाया जा सके. कांग्रेस का मानना है कि बीएमसी में सत्ता हासिल करने के लिए शिवसेना और भाजपा फिर एक साथ हो जायेंगे. बीएमसी में सत्ता में आने के लिए कांग्रेस शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी. पार्टी ने बीएमसी में शिवसेना का समर्थन नहीं करने का निर्णय किया है.

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व महानगर प्रमुख गुरुदास कामत ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाने के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि बीएमसी में शिवसेना से किसी तरह का गंठबंधन या परोक्ष समर्थन पर किसी तरह की चर्चा का मैं कड़ा विरोध करता हूं. इस बारे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपने विचार से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना के कई नेता इस मुद्दे पर कांग्रेस के संपर्क में हैं. कांग्रेस के रणनीतिकारों का यह भी विचार था कि इस पहल से देवेंद्र फडणवीस सरकार गहरे संकट में फंस जायेगी, क्योंकि शिवसेना ऐसी स्थिति में गंठबंधन तोड़ने के लिए बाध्य हो जायेगी.

इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह गंभीर मामला है और पार्टी आलाकमान ही इस पर निर्णय कर सकता है. अगर हम समर्थन (शिवसेना) का निर्णय करते हैं, तो हम भाजपा को महापौर पद से वंचित कर सकते हैं, लेकिन कितने समय तक? अगर हम समर्थन नहीं करते हैं तो भाजपा का महापौर होगा. भाजपा और शिवसेना दोनों ही 227 सदस्यीय बीएमसी में जादुई आंकड़ा 114 को हासिल करने से काफी दूर हैं. शिवसेना ने दावा किया कि दो और निर्दलीय पार्षदों के समर्थन के साथ उसके 89 पार्षद हो गये हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि कई पार्षदों ने समर्थन देने का वादा किया है.

भगवा खेमे में दरार चौड़ा कर रही कांग्रेस

महाराष्ट्र निकाय में शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. कांग्रेस का एक धड़ा अपने चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ इस मौके को भुनाना चाहता है. भगवा खेमे में दरार को और चौड़ा करने के लिए इसे कांग्रेस की चाल माना जा रहा है. कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि कार्यकर्ताओं का मानना है कि शिवसेना भाजपा की तुलना में कम दुष्ट है. बहरहाल, पार्टी इस पर खुलेआम चर्चा नहीं देना चाहती, क्योंकि विधानसभा चुनाव है.

मेयर शिवसेना से होगा

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मैं कह सकता हूं कि सबसे ज्यादा पार्षद हमारे हैं और महापौर शिवसेना का होगा. हमने कांग्रेस से समर्थन मांगा है, ऐसी खबर सही नहीं है. नौ मार्च (मेयर के लिए चुनाव का दिन) तक इंतजार कीजिए, जब हम आपको बतायेंगे.

कांग्रेस संग गंठबंधन नहीं

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गंठबंधन नहीं होगा और न ही पार्टी ‘पारदर्शिता’ के एजेंडे को छोड़ेगी. जो कांग्रेस के साथ गंठबंधन करना चाहते हैं, वे करें. भाजपा ऐसी पार्टी है, जो विचारधारा को विचारधारा के स्तर पर लड़ती है.

Next Article

Exit mobile version