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उड़ी अटैक: आतंकियों के ”गाइड” को छोड़ेगा भारत, एनआइए नहीं जुटा पायी सबूत

नयी दिल्ली : बीते साल सितंबर महीने में हुए उरी हमले के मामले में भारत, आतंकियों के ‘गाइड’ के खिलाफ सबूत जुटाने में नाकाम रहा. प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आतंकियों की मदद करने वाले 2 गाइड को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें आतंकियों के ‘गाइड’ के साथ कनेक्शन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2017 8:22 AM

नयी दिल्ली : बीते साल सितंबर महीने में हुए उरी हमले के मामले में भारत, आतंकियों के ‘गाइड’ के खिलाफ सबूत जुटाने में नाकाम रहा. प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आतंकियों की मदद करने वाले 2 गाइड को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें आतंकियों के ‘गाइड’ के साथ कनेक्शन के सबूत नहीं मिलने की बात कही गई है. आपको बता दें कि पीओके के फैजल हुसैन अवान और अहसान खुर्शीद पर पिछले साल 18 सितंबर को आर्मी कैंप में हुए हमले में आतंकियों की मदद करने का आरोप था.

सबूत नहीं मिलने की वजह से एजेंसी ने दोनों के खिलाफ जांच रिपोर्ट बंद करने का फैसला लिया है. दोनों के खिलाफ भारतीय सेना को दिए गए बयान के अलावा कोई और पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया. फैजल और अहसान, दोनों ही अब क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद वापस पाकिस्तान जा सकेंगे.

इस संबंध में अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि एनआइए ने क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है और रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने से इन्हें आरोपों से बरी किया जाता है. वहीं यहां चौंकाने वाली बात यह भी है कि दोनों युवाओं को लेकर कुछ मीडिया ग्रुप्स का यह भी दावा रहा है कि लड़के नाबालिग हैं. इतना ही नहीं ये लड़के 10वीं कक्षा के छात्र हैं.

यहां उल्लेख कर दें कि सेना को दिए अपने शुरुआती बयान में दोनों ने खुलासा किया था कि उन्हें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर की तरफ से टास्क दिया गया था.

गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्र के हवाले से अखबार ने छापा है कि गुरुवार को एनआईए ने क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों शख्स के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण इन्हें सभी आरोपों से मुक्त किया जाता है. दोनों युवाओं को रिहा कर पीओके में उनके परिवार से मिलने के लिए छोड़ दिया जाएगा.

पीओके में इनकी वापसी की तिथि गृह मंत्रालय की तरफ से तय की जाएगी.

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