जानें, कैसे ”लोन वुल्फ” अटैक करके गुजरात को दहलाना चाहता था आइएस आतंकी

राजकोट : अगले कुछ दिनों में गुजरात में कुछ धार्मिक स्थानों पर सिलसिलेवार बम धमाके करने की कथित रूप से साजिश रच रहे दो संदिग्ध आइएस आतंकियों को रविवार को राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते ने राजकोट और भावनगर से गिरफ्तार किया. आतंकवाद निरोधक दस्ते के पुलिस उपाधीक्षक केके पटेल ने कहा कि हमने एक गुप्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2017 7:28 AM

राजकोट : अगले कुछ दिनों में गुजरात में कुछ धार्मिक स्थानों पर सिलसिलेवार बम धमाके करने की कथित रूप से साजिश रच रहे दो संदिग्ध आइएस आतंकियों को रविवार को राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते ने राजकोट और भावनगर से गिरफ्तार किया. आतंकवाद निरोधक दस्ते के पुलिस उपाधीक्षक केके पटेल ने कहा कि हमने एक गुप्त सूचना के आधार पर दोनों संदिग्धों को पकड़ा. वसीम व नईम रामोदिया दोनों भाई हैं. दोनों इराक और सीरिया स्थित आइएस के कुछ अज्ञात हैंडलर्स के संपर्क में थे. चोटिला जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे.

वसीम के पास एमसीए और नईम के पास बीसीए की डिग्री है. दोनों के पास से बम बनाने का सामान भी बरामद किया है. एमसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वसीम राजकोट स्थित एक ग्राफिक डिजाइनिंग कंपनी में काम करता था, जबकि नईम बीसीए के बाद भावनगर में जहाज की रिसाइक्लिंग इकाई में काम करता था.

संदिग्धों के पिता आरिफ रामोदिया का दावा है कि उन्हें अपने बेटों की गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. ये मेरे लिए वास्तव में शर्मनाक है. इससे मेरी इज्जत मिट्टी में मिल गयी. आरिफ रामोदिया सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और फिलहाल क्रिकेट अंपायर का काम करते हैं.

‘लोन वुल्फ’ अटैक की तैयारी

दोनों ‘लोन वुल्फ’ हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे. इन हमलों में अक्सर कोई बड़ा रैकेट नहीं होता. यह ऐसा घातक हमला है, जिसे बिना टीम के अंजाम दिया जाता है. इस हमले के मॉड्यूल में अकेला आतंकी ही ऐसे हमले को अंजाम दे सकता है, जिसमें वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी जद में ले सके.

बम, नकाब और कंप्यूटर मिले

एटीएस ने कहा कि दोनों के पास से गन पाउडर, बैटरी के साथ देशी बम व नकाब बरामद किये गये. पुलिस ने कंप्यूटर भी जब्त किये, जिनमें आपत्तिजनक व प्रतिबंधित सामग्री थी. वे ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया नेटवर्कों के माध्यम से देश के बाहर आइएस कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे. चोटिला मंदिर उनके निशाने पर था. इस घटना के बाद सोमनाथ समेत तमाम मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.

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