सरकारी कार्यालयों में जयललिता की तस्वीर : हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पक्ष रखने को कहा
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने आज सरकारी कार्यालयों और योजनाओं पर से तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीरों को हटाने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर तमिलनाडु सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच जी रमेश और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सरकार से […]
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने आज सरकारी कार्यालयों और योजनाओं पर से तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीरों को हटाने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर तमिलनाडु सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच जी रमेश और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सरकार से 20 मार्च तक जवाब देने को कहा है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए भी 20 मार्च की तारीख मुकर्रर की. न्यायालय ने वरिष्ठ द्रमुक पदाधिकारी जे अनबलागन, विधायक और एडवोकेट्स फोरम फॉर सोशल जस्टिस की समान याचिकाओं पर राज्य सरकार को यह निर्देश दिया.
पीठ ने मौखिक रुप से कहा कि निजी कार्यालयों या राजनीतिक दलों के कार्यालयों में तस्वीर लगाए जाने पर विचार नहीं किया जा सकता लेकिन सरकार को सरकारी कार्यालयों और योजनाओं पर तस्वीरों के प्रदर्शन को लेकर याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाये गये सभी सवालों का जवाब देने का निर्देश किया.
अनबलागन की ओर से वरिष्ठ वकील पी विल्सन ने कहा कि निधन के कारण ही जयललिता पर लगाये गये आरोप खत्म कर दिये गये थे और उन्हें जेल की सजा नहीं सुनायी गयी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें दोषी ठहराया है. उनको कोई भी सार्वजनिक पद लेने से संवैधानिक रुपयों से रोका गया था. उनका तर्क था कि दोषी व्यक्ति की तस्वीर को सरकारी कार्यालय या सरकारी योजनाओं में नहीं लगाया जा सकता है.