क्या पाकिस्तान रासायनिक हथियार का कर रहा है इस्तेमाल ? पर्रिकर ने कहा- हम तैयार हैं…

नयी दिल्ली : क्या पडोसी मुल्क पाकिस्तान अपने दुश्मनों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का उपयोग कर रहा है? इस बात को उस वक्त बल मिला जब देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान और उत्तरी हिस्सों से कई ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसने चौंका दिया है. यहां तस्वीरों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2017 12:56 PM

नयी दिल्ली : क्या पडोसी मुल्क पाकिस्तान अपने दुश्मनों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का उपयोग कर रहा है? इस बात को उस वक्त बल मिला जब देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान और उत्तरी हिस्सों से कई ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसने चौंका दिया है. यहां तस्वीरों में देखा गया है कि स्थानीय लोगों के शरीर किसी तरह के केमिकल वेपंस से प्रभावित नजर आते हैं.

ये बातें रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ के एक कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और उत्तरी हिस्सों से कई ऐसी रिपोर्ट हमें मिली है जहां मैंने तस्वीरों में देखा कि स्थानीय लोग शरीर पर चकत्ते दाग नजर आ रहे हैं जो किसी तरह के केमिकल वेपंस से प्रभावित नजर आते हैं.

रक्षामंत्री के मुताबिक, तस्वीरें किसी को भी विचलित कर सकतीं हैं. गौरतलब है कि हाल के वक्त में पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाकों में आतंकियों के खिलाफ जबर्दस्त ऑपरेशन चलाये जाने की खबर आई थी. यहां शाहबाज कलंदर की दरगाह पर हुए हमले से बौखलाए पाक ने बीते कुछ वक्त में सैकड़ों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है.

हालांकि, पर्रिकर ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि वह इस वक्त इस मुद्दे की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन देश को किसी भी किस्म की जंग के लिए तैयार रहने की आवश्‍यकता है. पर्रिकर ने कहा कि देश पर न्यूक्लियर, केमिकल या बायलॉजिकल हमले का खतरा हो या न हो, लेकिन देश भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने के लिए पूरी मुस्तैद है.

कार्यक्रम में रक्षा पर्रिकर ने सेना को डीआरडीओ के बनाए तीन प्रॉडक्ट सौंपे है

1) वेपन लोकेटिंग रेडार स्वाति: यह दुश्मन के हथियारों की मौजूदगी तलाश कर उन्हें तबाह करने के लिए गाइड करने का काम करेगा.

2) एनबीसी रेकी वीइकल: यह न्यूक्लियर, बायलॉजिकल और केमिकल हथियारों की मौजूदगी का पता लगाने वाला वाहन है.

3) एनबीसी मेडिकल किट: यह न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल हथियारों के प्रभावों से बचाने वाली दवाएं हैं.

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