मुंबई देकर भाजपा चुका रही है सरकार बचाने की कीमत ?

मुंबई : बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के महापौर, उप महापौर सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर शिवसेना के उम्मीदवार की ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है. भाजपा ने इन पदों पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. चुनावों के दौरान कांटे की टक्कर के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2017 9:22 AM

मुंबई : बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के महापौर, उप महापौर सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर शिवसेना के उम्मीदवार की ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है. भाजपा ने इन पदों पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. चुनावों के दौरान कांटे की टक्कर के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा आठ मार्च को होनेवाले महापौर और उप महापौर पद के चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी. हालांकि, फडणवीस ने स्पष्ट किया कि भाजपा के फैसले को उनकी सरकार को स्थिर बनाये रखने के लिए किया गया ‘समर्पण’ नहीं माना जाना चाहिए. इससे पहले, शिवसेना ने दोनों पदों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी. विश्वनाथ महादेश्वर महापौर और हरेश्वर वर्लिकर उप महापौर पद के लिए शिवसेना के उम्मीदवार होंगे.

फडणवीस ने यहां अपने सरकारी आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मुंबई की जनता ने भाजपा के लिए भरपूर मतदान किया, क्योंकि उन्हें निगम प्रशासन में पारदर्शिता के हमारे एजेंडे पर भरोसा है. शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी, वहीं हम उनसे दो सीट पीछे रहे. हम अपने दम पर महापौर बनाने के लिए संख्या नहीं पा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा उप महापौर पद के लिए भी चुनाव नहीं लड़ेगी और स्थाई, सुधार, शिक्षा समितियों तथा बेस्ट समिति के अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव नहीं लड़ेगी. हमें हमारा महापौर बनाने के लिए अन्य दलों का समर्थन जरूरी था.

फडणवीस ने कहा कि मुंबई के महापौर के मुद्दे का मेरी सरकार की स्थिरता से कोई लेना-देना नहीं है. यह स्थिर है. शुक्रवार को शिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में भाग लिया और हम अनेक मुद्दों पर सहमत थे. फडणवीस ने कहा कि पार्टी के 82 पार्षद निगम प्रशासन में पारदर्शिता पर नजर रखेंगे.

जनता के हित के लिए हमने दूसरा विकल्प चुना

फडणवीस ने कहा कि भाजपा के पास दो विकल्प थे. एक तो बाहरी समर्थन लेकर महापौर बनाना, जिसका मतलब होता कि पारदर्शिता के मामले में समझौता कर लिया गया. दूसरा यह कि जनता द्वारा हम पर जताये गये विश्वास को उचित ठहराना. हमने दूसरा विकल्प चुना. जब पूछा गया कि क्या भाजपा की निगम में ‘रिमोट कंट्रोल’ बनने की योजना है, तो फडणवीस ने कहा कि हम शहर का नियंत्रण उसकी जनता को देना चाहते हैं.

जरूरत पड़ी तो शिवसेना को वोट करेगी भाजपा

क्या भाजपा महापौर चुनाव में शिवसेना के लिए वोट करेगी, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो उनकी पार्टी शिवसेना के लिए वोट देगी. भाजपा, शिवसेना के अलावा किसी अन्य पार्टी का समर्थन नहीं करेगी. फडणवीस ने कहा कि हम विपक्ष में नहीं रहेंगे. बिना हमारी सहमति के बिना अब नगर निगम में कोई फैसला नहीं हो सकता. हम शहर के विकास से जुड़े सभी मुद्दों पर शिवसेना का समर्थन करेंगे.

भाजपा का फैसला पूरी तरह यू-टर्न : कांग्रेस

मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का फैसला पूरी तरह भाजपा के विपरीत रुख है. मुख्यमंत्री ने नगर निगम में शिवसेना के भ्रष्ट प्रशासन के सामने समर्पण कर दिया है, जिस पर उन्होंने निगम चुनाव के प्रचार में निशाना साधा था. यह मुंबई की आम जनता के साथ धोखा है.

शिवसेना ने दोनों पदों पर उतारा अपना प्रत्याशी

शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनिल परब ने बताया कि विश्वनाथ महादेश्वर बीएमसी में महापौर पद के लिए और हरेश्वर वर्लीकर उप महापौर के पद के लिए शिवसेना के उम्मीदवार होंगे. नामांकन भरने का शनिवार को अंतिम दिन था. आठ मार्च को बीएमसी के लिए चुनाव होगा.

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