चेन्नई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कांग्रेस को ‘पारिवारिक संपत्ति’ बताया है. उन्होंने कहा है कि देश में एक नये राजनीतिक दल के लिए अभी काफी गुंजाइश है. कार्ति ने परिवारवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्यादातर पार्टियों में परिवारों का वर्चस्व कायम है. ऐसी पार्टियों ने नई पीढ़ी के नेताओं के लिए अपने दरवाजे बंद कर रखे हैं.
ये बातें कार्ति ने जेनरेशन-67 नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहीं. आपको बता दें कि कार्ति इस संगठन के संस्थापक हैं. तमिलनाडु में द्रविड़ शासन की 50वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में कार्ति ने कहा कि कांग्रेस सहित ज्यादातर प्रादेशिक और राष्ट्रीय पार्टियां निजी पारिवारिक संपत्ति बनकर रह गईं हैं. ऐसा लगता नहीं कि अब उनमें कोई सुधार होने वाला है. ऐसे में अगर कोई नया शख्स राजनीति में आना चाहता है तो वह मौजूदा व्यवस्था में अपने को फिट नहीं पता है क्योंकि इसके लिए उसे पार्टी प्रमुख या दूसरे नेताओं की चापलूसी का सहारा लेना पड़ता है.
आगे कार्ति ने कहा कि क्या किसी राजनीतिक दल ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई या किसी आइआइटी के टॉपर को चुनाव लड़ने को आमंत्रित किया है? चाहे वह कांग्रेस हो, भाजपा हो, डीएमकेहो या एआइएडीएमके हो… सभी पार्टियां परिवारों द्वारा संचालित की जा रही हैं और किसी बाहरी के लिए यहां कोई गुंजाइश नहीं बची है…. कार्ती ने कहा कि अभी उनका संगठन जेनरेशन-67 कोई फोरम या राजनीतिक दल नहीं है.
कार्ति ने कहा कि जब डॉनल्ड ट्रंप कम समय में अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर आसीन हो सकते हैं, तो फिर तमिलनाडु में भी कुछ ऐसा होने की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं था कि जयललिता का निधन हो जाएगा, पनीरसेल्वम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा और शशिकला सलाखों के पीछे होंगी… भविष्य में कुछ भी हो सकता है और अभी मैं नहीं कह सकता कि जेनरेशन-67 का भविष्य कैसा होगा…
कार्तिने कार्यक्रम में अपने संबोधन की समाप्ति में कहा कि जब पार्टियां चुनाव प्रचार करती हैं, उस समय उन्हें जवाब देने के लिए कोई संगठन अवश्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए जेनरेशन-67 जैसे मंच की जरूरत है.