समाजसेवा के जरिये अब राजनीति को साधेंगी साधना गुप्ता, जानिये कैसे…?

नयी दिल्ली : समाजवादी कुनबे में तथाकथित तौर पर कैकेयी की भूमिका अदा करने वाली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता ने तथाकथित तौर पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए पहले पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव को साधा और अब भारतीय राजनीति को साधने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2017 10:19 AM

नयी दिल्ली : समाजवादी कुनबे में तथाकथित तौर पर कैकेयी की भूमिका अदा करने वाली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता ने तथाकथित तौर पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए पहले पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव को साधा और अब भारतीय राजनीति को साधने की तैयारी में जुट गयी हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के ठीक पहले उन्होंने जिस धमक के साथ कुनबे के झगड़े की आड़ में भारतीय राजनीति में प्रवेश करने की अपनी इच्छा जाहिर की है, उससे तो यही लगता है कि वह अब भारतीय राजनीति को सशक्त तरीके से साधना चाहती हैं.

तथाकथित तौर पर हमेशा समाजवादी कुनबे के झगड़े में कैकेयी की भूमिका अदा करने वाली मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यह साफ कर दिया है कि वह शुरू से ही राजनीति में आना चाहती थीं, लेकिन नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया. हालांकि, अब भी वह समाजवादी कुनबे के लिए परदे के पीछे से काम करती आ रही थीं, लेकिन अब इस लक्ष्मण रेखा को तोड़कर वह समाज सेवा के साथ राजनीति की मुख्यधारा में आकर काम करेंगी.

वैसे तो पारिवारिक तौर तो उन्होंने बार-बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपना बड़ा बेटा मानने का दावा किया, लेकिन कहीं न कहीं समाजवादी कुनबे के इस राजनीतिक खेल में अपने बेटे प्रतीक यादव को भी अखिलेश ही की तरह राजनीति में लाने की उनकी खुद की इच्छा बलवती होती भी नजर आ रही है. उन्होंने इस मसले को भी साफ करते हुए कहा कि वह अखिलेश यादव को अपना बड़ा बेटा मानती हैं. वे हमेशा उनसे बात करती हैं, लेकिन किसी ने अखिलेश को उनके प्रति गुमराह कर दिया है. वह चाहती हैं कि उनका दूसरा बेटा प्रतीक यादव भी अखिलेश की तरह राजनीति में आये.

ऐसे हुई साधना का मुलायम से मुलाकात

दरअसल, साधना गुप्ता उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बिधुना तहसील की रहनेवाली हैं. 4 जुलाई, 1986 को उनकी शादी फर्रुखाबाद निवासी चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी. इनकी शादी के करीब एक साल बाद यानी 7 जुलाई 1987 को प्रतीक यादव का जन्म हुआ. प्रतीक के पैदा होने के करीब दो साल बाद साधना गुप्ता और चंद्रप्रकाश अलग हो गये. अपने पूर्व पति चंद्रप्रकाश गुप्ता से अलग होने के बाद साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आयीं. ऐसा माना जाता है कि संपर्क में आने के बाद मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता काफी दिनों तक एक-दूसरे से मिलते-जुलते रहे.

साधना से ऐसे प्रभावित हुए थे मुलायम

मीडिया में साधना और मुलायम के आपसी संबंधों को लेकर हो रही चर्चा के बीच यह बात भी सामने आ रही है कि अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में साधना और मुलायम के आपसी संबंधों का जिक्र हैं. एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं. साधना गुप्ता ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और फिर उसके बाद सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं. एक बार मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी. उस समय साधना गुप्ता ने नर्स को गलत इंजेक्शन लगाने से रोका था.

मीडिया में अक्सर चर्चा यह भी होती है कि साधना की चौकसी की वजह से उस वक्त मुलायम की मां मूर्ति देवी की जान बच गयी. इस बात से मुलायम काफी प्रभावित हुए थे. यही से दोनों एक-दूसरे के नजदीक आये. बताया जाता है कि 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का पता दिया गया था. यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था.

मालती के निधन के बाद ऐसे हुआ मुलायम से साधना का विवाह

चर्चाओं के बाजार में गर्म अटकलों के अनुसार, वर्ष 2003 में मुलायम की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया. इसके बाद तत्कालीन सपा प्रमुख तनहा रहने लगे. 23 मई, 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था. साधना के पहले पति के भाई प्रमोद गुप्ता सपा से विधायक भी रह चुके हैं और वे साधना की छोटी बहन कल्पना के पति भी हैं. कल्पना ने भी नगर निगम का भी चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अखिलेश ने प्रमोद गुप्ता का टिकट काट दिया था, लेकिन मुलायम के दबाव में उनका टिकट कन्फर्म कर दिया गया था.

प्रतीक को राजनीति की मुख्यधारा में देखना चाहती हैं साधना

इस समय साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव राजनीति से दूर हैं. अब साधना चाहती हैं कि वह भी अखिलेश की तरह राजनीति में आयें. फिलहाल, प्रतीक बॉडी बिल्‍डिंग के साथ ही लखनऊ में एक हाईप्रोफाइल जिम चलाते हैं. पत्नी अपर्णा यादव के साथ जानवरों के अधिकारों के लिए भी काम करते हैं. 23 साल की उम्र में प्यार के इकरार के बाद प्रतीक यादव ने अपर्णा बिष्‍ट से शादी रचा ली थी. अपर्णा इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं.

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