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चुनाव नतीजों को ले सट्टा बाजार भी गरम, भाजपा में तेजी तो बाकी सब नरम

नयी दिल्ली : अभी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद देश में एक्जिट पोल के जरिये नतीजों का रुझान जारी कर दिया गया है. एक दिन बाद इन चुनावों के नतीजे भी आने हैं. इस बीच देश में सट्टा का भी बाजार गरम है. वहां भी बाजार के भाव के हिसाब से […]

नयी दिल्ली : अभी हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद देश में एक्जिट पोल के जरिये नतीजों का रुझान जारी कर दिया गया है. एक दिन बाद इन चुनावों के नतीजे भी आने हैं. इस बीच देश में सट्टा का भी बाजार गरम है. वहां भी बाजार के भाव के हिसाब से पांच राज्यों में सत्ता के शिखर तक पहुंचने वाली राजनीतिक पार्टियों पर सट्टा लगाया जा रहा है. सटोरियों के बीच चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही दौड़ में पीछे रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भाव में तेजी दिखाई दे रही है, जबकि कांग्रेस-सपा गठबंधन के साथ हाथी का भाव भी नरम है. बाजार के अनुमान पर यदि यकीन करें, तो सत्ता के इस दौड़ में हाथी ढंग से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, विधानसभा चुनाव देश के पांच राज्यों में हुआ है, लेकिन देशभर के लोगों की निगाहें उत्तर प्रदेश के नतीजों पर टिकी है. इसकी वजह यह है कि इस चुनाव में देश की बड़ी राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. देश के दिल्ली ही नहीं, मुंबई और राजस्थान तक सटोरियों की दुकानें चमक रही हैं. हालांकि, इन विधानसभा चुनावों को लेकर यह आकलन किया जा रहा है कि इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नोटबंदी के फैसले का भी असर पड़ेगा, लेकिन इससे इतर सट्टा बाजार में भाजपा को सत्ता के करीब दिखाया जा रहा है और सटोरिये जमकर भाजपा की जीत पर सट्टा लगा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, पूर्वांचल के सट्टा बाजारों में चुनाव के पहले चरण के नामांकन तक 210 से 215 सीटों के साथ एसपी-कांग्रेस गठबंधन को पूर्ण बहुमत के दावे किये जा रहे थे. मतदान के दौरान सट्टा बाजार में चुनावी मैदान में डटे राजनीतिक दलों के भाव में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा. मतदान के अंतिम चरण में सट्टा बाजार में ‘कमल’ ने जोर दिखाया. तीसरे चरण के मतदान तक पीछे रहने वाली भाजपा को गुरुवार को सट्टा बाजार में खुले नये भाव में 188 से 190 और सपा गठबंधन को 125 से 130 तक सीटें मिलने की संभावना पर बनारस में ही 25 करोड़ से ज्यादा का सट्टा लगा दिया गया.

सट्टा के इस बाजार में सटोरिये ने पहले से ही बसपा को लेकर नरम रुख अख्तियार किया हुआ है. बसपा के लिए कभी सौ से ज्यादा का भाव नहीं खुला. अंतिम चरण के मतदान के बाद से बसपा का भाव 80 पर टिका हुआ है. हालांकि, राजनीति के जानकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते. राजनीतिक पंडितों के हिसाब से बसपा दलित-मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाकर चुपके से सत्ता के गलियारे तक पहुंचने के करीब तक आ सकती है.

सट्टा बाजार के जानकारों का मानना है कि भाजपा की 188 सीट पर ‘नो’ का मतलब यह हुआ कि यदि 188 सीट आ गयी तो रकम डूब गयी और 187 आने पर मोटी कमाई होगी. इसके अलावा, यदि सट्टा बाजार में भाजपा के 190 के भाव पर ‘यस’ के दांव लगा, तो इसका मतलब यह हुआ कि यदि इतनी सीट आयी तो दांव लगाने वाले को सट्टे की पूरी रकम मिल सकती है. कुछ सटोरियों ने पांच सीट की जाबिंग भी चलायी है.

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