धीरुभाई अंबानी को पद्मविभूषण देने के खिलाफ की गयी याचिका खारिज
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उद्योगपति धीरुभाई अंबानी को पद्म विभूषण से सम्मानित करने संबंधी सरकार की अधिसूचना निरस्त करने के लिये दायर जनहित याचिका पर विचार करने से आज इंकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, वह (धीरुभाई) […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उद्योगपति धीरुभाई अंबानी को पद्म विभूषण से सम्मानित करने संबंधी सरकार की अधिसूचना निरस्त करने के लिये दायर जनहित याचिका पर विचार करने से आज इंकार कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, वह (धीरुभाई) अपने समय में देश के सबसे बडे उद्योगपति के रुप में जाने जाते थे. हम यहां यह फैसला करने के लिये नहीं है कि किसे पद्म विभूषण मिलना चाहिए.
यदि वे आपको देते हैं तो हम इस पर सवाल नहीं उठा सकते. यह याचिका प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने दायर की थी जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले साल 25 मई के आदेश को चुनौती दी गयी थी. उच्च न्यायालय ने इसी तरह की याचिका खारिज करते हुये कहा कि इस मामले में कोई जनहित शामिल है और याचिका व्यक्ति की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिये दायर की गयी है.
याचिका में दिवंगत उद्योगपति और रिलायंस इंडस्टरीज लि के सस्थाक धीरुभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन अंबानी को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था कि वह सनद ( सार्टिफिकेट ) और पद्मभूषण का मेडल लौटायें जो उन्होंने अपने पति की ओर से ग्रहण किया था.