2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा बनाम अन्य पार्टी होगा
यूपी के चुनाव में भाजपा को लगभग 42 % वोट मिला है. सपा और बसपा को क्रमशः 27 % और 23 % वोट मिले हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तरप्रदेश में भाजपा का वोट लगभग 43 % के आसपास था. इस चुनाव से यह साफ हो गया है कि 2019 का लोकसभा चुनाव […]
यूपी के चुनाव में भाजपा को लगभग 42 % वोट मिला है. सपा और बसपा को क्रमशः 27 % और 23 % वोट मिले हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तरप्रदेश में भाजपा का वोट लगभग 43 % के आसपास था. इस चुनाव से यह साफ हो गया है कि 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा एक कोण और बाकी पार्टियां हर राज्य में अलग- अलग दूसरा कोण बनाकर लड़ेंगी.
यूपी चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि बड़े राज्यों मसलन यूपी और बिहार में भाजपा से मुकाबले के लिए क्षेत्रीय पार्टियों के पास महागठबंधन के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है. इन पार्टियों के लिए यह अस्तित्व का सवाल बन गया है.
भाजपा जिस तरह सवर्णों की पार्टी के तगमे से आगे जाकर सोशल इंजीनयरिंग कर अपने बेस वोट में फैलाव कर रही है, इन क्षेत्रीय पार्टियों के लिए यह बड़ी चुनौती है क्योंकि यह इन दलों के कोर वोट को भी प्रभावित कर रहा है.बिहार में महागठबंधन का लाभ भी भाजपा विरोधी दलों को मिल चुका है. इसलिए कोई बड़ी बात नहीं की यूपी में भी सपा ,बसपा और कांग्रेस के बीच महागठबंधन बने.
क्षेत्रीय दल मूलतः व्यक्ति आधारित है इसलिए गठबंधन बनाने में व्यक्तिगत अहम ,तल्खी और सीटों की हिस्सेदारी बड़ा सवाल होगा. आज के हालात में भाजपा और मोदी के सामने टिकने के लिए और अन्य पार्टियों के पास कोई उपाय भी नहीं है.