नयी दिल्ली : गोवा की राज्यपाल द्वारा मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त किये जाने के फैसले को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसपर कोर्ट ने तुरंत सुनवाई को मंजूरी भी दे दी.
आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर के आवास पर सोमवार शाम याचिका दायर की गयी और न्यायमूर्ति खेहर ने मंगलवार को इस अर्जी पर सुनवाई करने की सहमति जतायी है. इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया है, क्योंकि शीर्ष अदालत होली की वजह से एक सप्ताह के अवकाश पर है.
गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गयी है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगायी जाए. याचिका में यह भी मांग की गयी है कि पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले को रद्द किया जाए.
बताया जा रहा है कि वकील देवदत्त कामथ की ओर से दायर याचिका पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलील पेश कर सकते हैं. इसमें केंद्र और गोवा को पक्षकार बनाया गया है.
पर्रिकर के शपथग्रहण की पूर्व संध्या पर कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए बुलाए जाने की मांग की
भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले सोमवार को कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से आग्रह किया कि सबसे बडी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए. राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस विधायक दल ने दावा किया कि पार्टी के पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है और वह सदन के पटल पर बहुत साबित कर सकती है. कांग्रेस की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब पर्रिकर के नेतृत्व में भजापा ने गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए औपचारिक रुप से दावा पेश कर दिया. भाजपा की ओर से दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया और उनसे शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा. गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर ने ज्ञापन में कहा, कि जनादेश में हारने के बावजूद हमारे राजनीतिक विरोधियों (भाजपा) ने आपके समक्ष ये गलत तथ्य प्रस्तुत किये हैं कि उनके पास बहुमत है. यह सिर्फ अवसरवाद ही नहीं, बल्कि संवैधानिक रुप से अस्वीकार्य भी है.