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बतौर रक्षा मंत्री इन बड़ी उपलब्धियों के लिए याद किये जाएंगे मनोहर पर्रिकर

पणजी : मनोहर पर्रिकर ने कल रक्षा मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया और आज गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. भाजपा विधानसभा चुनाव में जादुई आंकडा पाने में विफल रही थी और उसकी सीटों की संख्या 21 से गिरकर 13 रह गई थी, लेकिन उसे कल तब अप्रत्याशित सफलता मिली जब गोवा […]

पणजी : मनोहर पर्रिकर ने कल रक्षा मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया और आज गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. भाजपा विधानसभा चुनाव में जादुई आंकडा पाने में विफल रही थी और उसकी सीटों की संख्या 21 से गिरकर 13 रह गई थी, लेकिन उसे कल तब अप्रत्याशित सफलता मिली जब गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और दो निर्दलीयों ने उसे समर्थन दे दिया जिससे 40 सदस्य सदन में वह 21 की जादुई संख्या तक पहुंच गई.

हालांकि कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा द्वारा भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर के आवास पर शाम याचिका दायर की गई और न्यायमूर्ति खेहर ने आज सुनवाई करने पर सहमति जताई. गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए.
61 वर्षीय पर्रिकर आईआईटी बॉम्बे से पढे हैं और एक इंजीनियर हैं. उन्होंने 2012 में राज्य में भाजपा के अभियान की अगुवाई की थी जिसमें पार्टी को विजय हासिल हुई थी और वह मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें 2014 में देश का रक्षा मंत्री बनाया गया था. पर्रिकर के लिए रक्षा मंत्री के तौर पर कार्यकाल काफी अहम रहा. केंद्र में अपने ढाई साल के कार्यकाल में बतौर रक्षा मंत्री उन्‍होंने कई अहम फैसले लिये.
* आइये जानें, बतौर रक्षा मंत्री पर्रिकर के अहम कार्यों को
1. पाकिस्‍तान के खिलाफ सर्जिकल स्‍ट्राइक : – मनोहर पर्रिकर के लिए बतौर रक्षा मंत्री सबसे बड़ी उपलब्धि रहा कि उन्‍होंने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्‍तान को मुंहतोड़ जवाब दी. उरी हमले के बाद भारतीय जवानों ने पाकिस्‍तान की सीमा के अंदर घुस कर आतंकवादियों को मार गिराया था. सर्जिकल स्‍ट्राइक के दौरान मनोहर पर्रिकर पूरी रात अभियान पर नजर बनाये हुए रखा था.
2. म्‍यांमार में सर्जिकल स्‍ट्राइक : – पिछले साल भारतीय सेना ने म्‍यांमार में आतं‍कवादियों के खिलाफ बड़ी कर्रवाई की थी. यहां पर आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें 18 जवान शहीद हो गये थे. इसके बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सर्जिकल स्‍ट्राइक किया और म्‍यांमार बॉर्डर के अंदर घुसकर आतंकवादियों को मार गिराया था. इस सफल ऑपरेशन के दौरान भी मनोहर पर्रिकर हर पल सेना के जवानों के साथ संपर्क में थे.
3. राफेल डील पर हस्‍ताक्षर : – लंबे समय से लटके राफेल डील पर पिछले साल मनोहर पर्रिकर ने अपनी हरी झंडी दिखायी थी. 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल समझौते हुए थे. इसके तहत 36 राफेल फाइटर प्‍लेन भारत फ्रांस से खरीदेगा.
4. वन रैंक वन पॉलिसी – मनोहर पर्रिकर ने लंबे समय से पूर्व सैनिकों की मांग वन रैंक वन पॉलिसी को भी अपनी हरी झंडी दिखा दी. ओआरओपी को लेकर पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन पर्रिकर ने वक्‍त से पहले ही उस विवाद को सुलझा लिया.

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