नयी दिल्ली : जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन के बाद से वर्ष 2009 तक भाजपा की धूरी रहे पार्टी की प्रथम पंक्ति के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी जाने वाली गुरु दक्षिणा से अब राष्ट्रपति बनकर देश की निगहबानी करेंगे. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद भारतीय लोकतंत्र में भाजपा के लिए कई रास्ते खुल गये हैं और उनमें सबसे पहला रास्ता देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति के पद पर मनमाफिक नेता को बैठाने का है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद देश में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने राजनीतिक गुरु लाल कृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति पद देकर गुरु दक्षिणा देने की भी अटकलें लगायी जा रही हैं.
खबर है कि बीते आठ मार्च को सोमनाथ में हुई एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को देश का अगला राष्ट्रपति बनाये जाने को लेकर नाम पेश किया गया है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी की इस बैठक में खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. सूत्रों की मानें, तो मोदी ने बैठक में यह संकेत दिया था कि उनकी तरफ से राष्ट्रपति का यह पद आडवाणी को गुरुदक्षिणा होगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब आडवाणी का नाम अंतिम माना जा रहा है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, सोमनाथ में हुई बैठक के दौरान ही प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दे दिये थे कि यदि उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे भाजपा के हक में आये, तो वह अपने गुरु आडवाणी को राष्ट्रपति पद पर देखना चाहेंगे. बता दें कि इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है.