यूपी सीएम की अटकलों पर राजनाथ सिंह ने ”फालतू बात” कहकर लगाया विराम!
नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अब मुख्यमंत्री पद सौंपे जाने की अटकलों पर बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ‘फालतू और अनाश्यक बात’ कहकर फिलहाल विराम लगा दिया है. एक संवाददाता की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा […]
नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अब मुख्यमंत्री पद सौंपे जाने की अटकलों पर बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ‘फालतू और अनाश्यक बात’ कहकर फिलहाल विराम लगा दिया है. एक संवाददाता की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फालतू बात है, अनावश्यक है. दोबारा सवाल पूछे जाने के बाद उन्होंने एक बार फिर कहा कि अरे, क्या फालतू बात है. अनावश्यक है.
#WATCH: HM Rajnath Singh says talks about his name being in the running for Uttar Pradesh CM are, "unnecessary & futile" pic.twitter.com/o24cxRxwTS
— ANI (@ANI) March 15, 2017
मीडिया में इस बात को लेकर अटकलें लगायी जा रही है कि उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा में मंथन जारी है. खबर है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये जाने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. खबर यह भी है कि राजनाथ सिंह को पार्टी की ओर से प्रदेश की कमान सौंपने को लेकर फैसला जल्द ही किया जा सकता है. हालांकि, इस दौड़ में केशव प्रसाद मौर्य, महेश शर्मा और मनोज सिन्हा का भी नाम भी शामिल है, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी प्रदेश में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी की ओर से बुधवार को कभी भी ऐलान किया जा सकता है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजों को भाजपा जातीय समीकरण से हटकर मान रही है. इसलिए पार्टी अगला मुख्यमंत्री ऐसा बनाना चाहती है, जो सभी तबकों को साथ लेकर चले. हालांकि, पार्टी के रणनीतिकार गैर-यादव पिछड़े वर्ग के किसी नेता को सत्ता तक पहुंचाने पर भी विचार कर रहे थे. इसलिए पिछड़े वर्ग से किसी भी नेता को प्रदेश की कमान सौंपने की बात की जा थी, लेकिन यह जीत इतनी बड़ी है कि पार्टी को अब इस रणनीति पर दोबारा मंथन करना पड़ रहा है.
पार्टी में अंदखाने यह बात भी की जा रही है कि बड़ी जीत का मतलब बड़ी जिम्मेदारी भी है. लिहाजा भाजपा को अब मुख्यमंत्री के तौर पर ऐसा नेता चाहिए, जो तेज विकास की उम्मीद पर खरा उतरे और राज्य की कानून व्यवस्था को सुधार सके. फिलहाल, राज्य में राजनाथ सिंह पार्टी के सबसे बड़े कद्दावर नेता हैं. उन्हें पार्टी के नरमपंथी धड़े का नेता माना जाता है और वह पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संघ के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर चुके हैं. उन्होंने इस बारे में संघ के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल से भी बात की है. गोपाल संघ और भाजपा के बीच समन्वय बनाये रखने का जिम्मा संभालते हैं. इस मसले पर अमित शाह और राजनाथ सिंह के बीच भी बातचीत हो चुकी है.