नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने पंजाब में पार्टी की हार के लिए इवीएम में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की है. उन्होंने कहा, इवीएम के जरीये ‘आप’ का वोट भाजपा और अकाली दल को शिफ्ट कर दिया गया.
उन्होंने कहा, कैसे अकाली दल को 30 फीसदी वोट मिल गये. जबकि सब मान रहे थे कि मालवा में आप को बड़ी जीत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सारी सीटें कांग्रेस के खाते में चली जाती है. यह समझ से परे है. हर विशेषज्ञों ने पंजाब में आप की जीत बताया था लेकिन फिर पार्टी की हार क्यों हो गयी. पंजाब में आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस को जीता दिया गया. सब जानते थे की अगर अकाली चुनाव जीत जाते तो शक होता इसलिये आप को रोकने के लिए ऐसा किया गया.
केजरीवाल ने कहा, पंजाब की जनता का जो फैसला है वो हमारे सर-माथे है और ‘आप’ का मुखिया होने के नाते मैं हार की पूरी जिम्मेवारी लेता हूं. पिछले तीन-चार दिनों से हमलोगों ने चुनावी नतीजों की बड़ी बारीकी के साथ आकलन किये हैं. जिसमें कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. आप गंठबंधन को मात्र 24.9 फीसदी वोट मिले, जबकि अकाली दल को अकेले 30 फीसदी वोट मिले हैं. यानी कांग्रेस पहले नंबर पर,दूसरे नंबर पर भाजपा-अकाली दल और तीसरे नंबर पर आप.
इस पूरे चुनाव में लोगों के बीच अकाली और बादल परिवार के लिए गुस्सा था क्योंकि अकाली सरकार ने जिस तरह से पंजाब में नशा का कारोबार फैलाया था उससे जनता परेशान हो गयी थी. इसलिए पंजाब की जनता ने इस चुनाव में बादल परिवार को और अकाली को हराने के लिए मतदान किया. इसके बावजूद उनको 30 फीसदी वोट कैसे मिल गये. यह सबसे बड़ा सवाल है. सब मानते थे कि अकाली और भाजपा गंठबंधन को मात्र 6 से 7 फीसदी ही वोट मिलने चाहिए थे. सभी जानकारों ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिल रही है.