ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप : जांच की मांग को लेकर गोलबंद हो रही है पार्टियां
नयी दिल्ली : पांच राज्यों के परिणाम के बाद अब ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ) पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने इस आग को हवा दी. हार के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किये. मायावती के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री […]
नयी दिल्ली : पांच राज्यों के परिणाम के बाद अब ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ) पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने इस आग को हवा दी. हार के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किये. मायावती के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जांच की मांग करते हुए चुनाव वैलेट पेपर पर कराने की मांग की . कांग्रेस भी अब ईवीएम के जांच की मांग कर रही है.
कांगे्रस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय चुनाव प्रणाली अपनी निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सभी जगह विख्यात है. यदि कुछ लोगों के मन में ईवीएम के साथ छेडछाड को लेकर शिकायतें हैं तो निर्वाचन आयोग को इसकी जांच करवानी चाहिए. उनसे यह सवाल किया गया था कि बसपा और आप ने हाल में हुए पांच विधानसभा चुनावों के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में छेडछाड के जो आरोप लगाये थे,
क्या कांगे्रस उससे सहमत है. उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वह आप के इस आरोप से भी सहमत है कि पंजाब में यदि ईवीएम में छेडछाड नहीं की गयी होती तो वह जीतती. इस पर सुष्मिता ने कहा कि हमने तो पहले ही निर्वाचन आयोग से इन आरोपों की जांच कराने को कहा है ताकि लोगों के मन में जो सन्देह हों, वह दूर हो सकें.
उन्होंने कहा कि पंजाब में हमें अपनी जीत का पूरा भरोसा है, इसलिए हम किसी भी तरह की जांच से पीछे नहीं हटेंगे. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में बसपा के काफी खराब प्रदर्शन के बाद इसकी प्रमुख मायावती ने ईवीएम में छेडछाड का आरोप लगाया था. उसके बाद आप ने भी पंजाब चुनावों में ईवीएम से छेडछाड का आरोप लगाते हुए कहा था कि यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो उसकी स्थिति बहुत मजबूत होती.