केंद्र ने एक जनवरी से महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढाया, जानें महत्वपूर्ण फैसले
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज महंगाई भत्ता व महंगाई राहत को दो प्रतिशत से बढाकर चार प्रतिशत कर दिया. यह बढोतरी एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी और इससे 48.85 लाख सरकारी कर्मचारियों व 55.51 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में […]
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज महंगाई भत्ता व महंगाई राहत को दो प्रतिशत से बढाकर चार प्रतिशत कर दिया. यह बढोतरी एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी और इससे 48.85 लाख सरकारी कर्मचारियों व 55.51 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता तथा पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने का फैसला किया गया. ‘ बयान के अनुसार यह बढोतरी एक जनवरी 2017 से प्रभावी होगी. इसके अनुसार महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में मूल वेतन: पेंशन के दो प्रतिशत की मौजूदा दर के उपर दो प्रतिशत की बढोतरी की गई है. यह बढोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत स्वीकृत फार्मूले के अनुसार ही है.
इसमें कहा गया है कि महंगाई भत्ते, महंगाई राहत में इस बढोतरी का फायदा 48.85 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 55.51 लाख पेंशनभोगियों को होगा. इस वृद्धि से सरकारी खजाने पर कुल मिलाकर 5,857.28 करोड रपये का अतिरिक्त बोझ पडेगा। वित्त वर्ष 2017-18 में 14 माह की अवधि (जनवरी 2017 से फरवरी 2018 तक) के लिये कुल 6,833.50 करोड रपये का अतिरिक्त बोझ पडेगा. केंद्र सरकार कर्मचारी परिसंघ ने इस वृद्धि को वास्तविक मूल्य वृद्धि के मुकाबले मामूली बताया। कर्मचारी परिसंघ के मुताबिक औद्योगिक कर्मचारियों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से परे हैं और इसके मुकाबले रहन सहन खर्च में कहीं अधिक वृद्धि हुई है.
केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दी नई
केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी. इस नीति के जरिए देश में ‘‘सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं” मुहैया कराने का प्रस्ताव है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दो साल से लंबित स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा कल संसद में स्वत: एक बयान देकर इस नीति के अहम पहलुओं की जानकारी दे सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एक बडे नीतिगत बदलाव के तहत यह नीति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर के दायरे में आने वाले सेक्टरों के फलक को बढाती है और एक विस्तृत रुख का रास्ता तैयार करती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर – अब तक पीएचसी सिर्फ टीकाकरण, प्रसूति-पूर्व जांच एवं अन्य के लिए होते थे. लेकिन अब बडा नीतिगत बदलाव यह है कि इसमें गैर-संक्रामक रोगों की जांच और कई अन्य पहलू भी शामिल होंगे.” सूत्रों ने बताया कि नई नीति के तहत जिला अस्पतालों के उन्नयन पर ज्यादा ध्यान होगा और पहली बार इसे अमल में लाने की रुपरेखा तैयार की जाएगी.
कैबिनेट ने भारत-नामीबिया के बीच क्षमता निर्माण समझौते को मंजूरी दी
लोकसेवकों के क्षमता निर्माण पर भारत एवं नामीबिया के बीच समझौते को आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी. लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी और नामिबिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट के बीच एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जायेंगे जिसका उद्देश्य नामीबिया के लोकसेवकों की क्षमता निर्माण तथा दोनों संस्थानों के हित में अन्य प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन है.
मंत्रिमंडल को युवा एवं खेलकूद के क्षेत्र में सहयोग को लेकर भारत और इंडोनेशिया के बीच हुए समझौते तथा युवा विकास के क्षत्र में सहयोग को लेकर किर्गिज गणतंत्र के साथ हुए समझौते से अवगत कराया गया. एक बयान के अनुसार समझौता ज्ञापनों में इंडोनेशिया और किर्गिज गणतंत्र के साथ युवा मामलों और खेल कूद के क्षेत्र में सहयोग बढाने की बात है.
कैबिनेट ने 50 केंद्रीय विद्यालयों की स्थापनों को मंजूरी दी
देश में 50 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी ताकि करीब 50,000 विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके. कैबिनेट ने इस आशय की एक परियोजना को मंजूरी दी है. आधिकारिक बयान के अनुसार इन केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना कक्षा एक से कक्षा पांच तक के लिए होगी तथा इनमें 50,000 विद्यार्थियों को शिक्षा देने की व्यवस्था होगी। देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में पहले से ही करीब 12 लाख विद्यार्थी पढाई कर रहे हैं.
नए केंद्रीय विद्यालयों के लिए 650 नियमित पद तैयार किए जाएंगे और ये संस्थान उच्च गुणवत्ता की शिक्षा की जरुरत को पूरा करने का काम करेंगे. शहरी क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए कम से कम चार एकड जमीन की जरुरत होती है और दूसरे इलाकों में केंद्रीय विद्यालयों के लिए इससे अधिक भूमि ली जाती है. इन नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 1,160 करोड रुपये की लागत आएगी.