पंजाब : कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री के तौर पर ली शपथ, मनमोहन – राहुल भी थे मौजूद
चंडीगढ़ : पंजाब में दस साल बाद कांग्रेस को अपने नेतृत्व में जीत दिलाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दूसरी बार आज पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. इधर शपथ ग्रहण से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
March 16, 2017 7:18 AM
चंडीगढ़ : पंजाब में दस साल बाद कांग्रेस को अपने नेतृत्व में जीत दिलाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दूसरी बार आज पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. इधर शपथ ग्रहण से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की लुधियाना में मोम की प्रतिमा बनायी गयी है.
11 मार्च को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दिन अपना 75वां जन्मदिन मनाने वाले सिंह ने राज्य के 26वें मुख्यमंत्री के तौर पर नौ मंत्रियों के साथ शपथ ली. पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर ने राजभवन में एक सादे समारोह में अमरिंदर सिंह और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को शपथ दिलायी.
राज्य में अधिकतम 18 मंत्री बनाये जा सकते हैं. विधानसभा में कांग्रेस के 77 विधायक हैं.कांग्रेस ने यहां एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, ‘‘मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला तथा उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, अश्वनी कुमार, राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी समारोह में मौजूद रहेंगे.
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव अहमद पटेल और अंबिका सोनी के अलावा पंजाब मामलों की प्रभारी सचिव आशा कुमारी के भी समारोह में शामिल होने की संभावना है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमरिंदर सिंह ने ‘राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुये’ समारोह में ज्यादा खर्च नहीं करने का निर्णय लिया है जिसके चलते शपथ ग्रहण समारोह सादा होगा. मनोनीत मुख्यमंत्री ने सभी पार्टी विधायकों और अन्यों से अपील की है कि वह जश्न पर ज्यादा खर्च ना करें ताकि ‘‘कर्ज से दबे राज्य के कोष’ पर और बोझ न पड़े.
सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी कि हर संभावित कदम के जरिये राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जाए. शिअद-भाजपा के शासन के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गयी.
उन्होंने कहा, ‘‘जब पंजाब के लोग वित्तीय और अन्य समस्याओं से जूझ रहे है तो हम जश्न नहीं मनाना चाहते.’ उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार राज्य को वृद्धि और विकास के रास्ते पर ले आएगी तो जश्न मनाने का पर्याप्त समय होगा. पार्टी सूत्रों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंद्र, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, राणा गुरजीत सिंह, परगट सिंह, रजिया सुल्ताना, ओपी सोनी समेत कई नव निर्वाचित विधायक मंत्री बनने की दौड़ में हैं.
पंजाब में दस वर्ष बाद जीत का स्वाद चखने वाली कांग्रेस विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों और साथ ही अनुभवी तथा युवा नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहेगी. यह देखना होगा कि इनमें से किसे आज मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.
सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस दस साल के अंतराल के बाद पंजाब में सत्ता में आयी है. उसने विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कब्जा जमाया. सत्तारुढ़ शिअद-भाजपा को 18 सीटें मिली, राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं जबकि दो सीटें नई पार्टी और आप की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी को मिली. यह दूसरी बार है जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले वह 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.