नयी दिल्ली : विस चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कई राजनीतिक पार्टियां ईवीएम पर सवाल उठा रही हैं . कई पार्टियों ने वैलेट पेपर पर चुनाव कराने की मांग की है. राजनीतिक बयानबाजियों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग ने आज बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर उठाये गये सवालों को खारिज करते हुये कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें हमेशा की तरह छेडछाड मुक्त हैं.
चुनाव आयोग के पूर्व सलाहकार के. जे राव ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ पर जारी राजनीतिक बयान पर कहा, ईवीएम में बहुत सारी तकनीकी सुरक्षाएं हैं, खासकर भारत में इसकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है, उसके साथ आसानी से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.
कडे शब्दों वाले बयान में चुनाव आयोग ने कहा, निराधार, अनुमानआधारित और बेतुके आरोप लगाये जा रहे हैं जो खारिज किये जाने के लायक हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि उसे चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की तरफ से ईवीएम से छेडछाड से जुडी कोई स्पष्ट शिकायत या ठोस सामग्री नहीं मिली.
इसमें कहा गया कि ईवीएम से छेडछाड पर बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रस्तुतीकरण में स्पष्ट आरोपों का अभाव था और उसने पार्टी के दावों को खारिज कर दिया. इसमें कहा गया, चुनाव आयोग की ईवीएम से कथित छेडछाड की आशंका इसके चलन में आने के बाद से व्यक्त की जाती रही है और उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय तक यह मुद्दा ले जाया गया है.
आयोग ने कहा, इन आरोपों को खारिज कर दिया गया है. चुनाव आयोग एक स्वर में इस बात पर जोर देता है कि प्रभावी तकनीक और प्रशासनिक सुरक्षा उपायों को देखते हुये ईवीएम छेड़छाड़ से मुक्त हैं और चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बरकरार रखी गयी है. आयोग ने आज कहा कि अब तक वास्तव में किसी ने भी चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम से छेडछाड या हेरफेर का प्रदर्शन हमारे समक्ष नहीं किया है.