कौन होगा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री, अमित शाह की टिप्पणी से गहराया ‘सस्पेंस”

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग नामों पर अटकलों के बीच आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की इस टिप्पणी से ‘सस्पेंस’ गहरा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को सौंप दी है. शाह की टिप्पणी के बाद जब पत्रकारों ने मौर्य से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2017 9:22 PM

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति के लिए अलग-अलग नामों पर अटकलों के बीच आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की इस टिप्पणी से ‘सस्पेंस’ गहरा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को सौंप दी है. शाह की टिप्पणी के बाद जब पत्रकारों ने मौर्य से सवाल किया कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, तो प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह खुद ही अपने आप को कैसे चुन सकते हैं.

भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद शाह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के बारे में पत्रकारों ने सवाल किया था. शाह ने कहा, मैंने ( मुख्यमंत्री चुनने की) जिम्मेदारी केशव पर छोड दी है.” इसके बाद पत्रकार मौर्य के पास गए, जो वहीं मौजूद थे. शाह की टिप्पणी के बाद पार्टी के भीतर भी चर्चा होने लगी कि क्या मौर्य अब मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं है. मौर्य को उत्तर प्रदेश में भाजपा का ओबीसी चेहरा माना जाता है.
बहरहाल, बाद में मौर्य ने बेचैनी की शिकायत की जिसके कारण उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, 48 साल के मौर्य का ‘ब्लड प्रेशर’ थोडा बढ गया था और पिछले करीब एक हफ्ते से उन्हें सर्दी-जुकाम और हल्का बुखार भी रहा है.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए शाह पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें करते रहे हैं. दोनों राज्यों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है. मौर्य के अलावा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और मनोज सिन्हा को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रकाश पंत और सतपाल महाराज के नाम की चर्चा जोरों पर है.
ऐसा लग रहा है कि पार्टी के ज्यादातर नेताओं को भी अंदाजा नहीं है कि दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री किसे नियुक्त किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेतृत्व ने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर और गुजरात में विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया था, जबकि इन दोनों नेताओं को दावेदार माना भी नहीं जा रहा था.
ऐसे में इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि कम चर्चित चेहरों को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की कमान सौंप दी जाएगी. उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 18 मार्च को लखनउ में होगी, जिसमें भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है. भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव विजय बहादुर पाठक ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक – केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव – शनिवार को होनी वाली बैठक में मौजूद रहेंगे.

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