‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ सामने आये 10 लाख मुसलमान
नयी दिल्ली : मुस्लिम समाज में व्याप्त ‘ट्रिपल तलाक’ की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए अभियान जोर पकड़ता जा रहा है. इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए देशभर के लगभग 10 लाख मुसलमानों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किया है. इस याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में अधिकांश मुस्लिम महिलाएं हैं. कुरान के […]
नयी दिल्ली : मुस्लिम समाज में व्याप्त ‘ट्रिपल तलाक’ की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए अभियान जोर पकड़ता जा रहा है. इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए देशभर के लगभग 10 लाख मुसलमानों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किया है. इस याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में अधिकांश मुस्लिम महिलाएं हैं.
कुरान के अनुसार एक मर्द तलाक के अपने शुरुआती निर्णय के बाद इस पर तीन महीने तक विचार कर सकता है, जब तक कि दो और बार तलाक ना बोल दिया जाये. इस हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत आरएसएस के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने की थी. उत्तर प्रदेश विधान चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद इस अभियान को और बल मिला है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल किया है. 403 विधानसभा सीट में से उसने 312 पर जीत दर्ज की है. प्रदेश की कुल आबादी 20 करोड़ है, जिसमें से 18.5 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है.
ज्ञात हो कि इससे पहले कई महिलाओं ने ‘ट्रिपल तलाक’ के मुद्दे को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार भी मुस्लिम महिलाओं के साथ है और सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह लिंग आधारित भेदभाव है और संविधान ने स्त्री-पुरुष को समानता का जो अधिकार दिया है, उसके खिलाफ है.
वहीं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ‘ट्रिपल तलाक’ की वकालत करते हुए कहा है कि किसी महिला को मार देने से बेहतर है कि उसे तलाक दे दिया जाये. बोर्ड ने यह भी कहा है कि धर्म द्वारा प्रदत्त किसी अधिकार को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है. गौरतलब है कि ‘ट्रिपल तलाक’ को महिला अधिकारों का हनन बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे समाप्त करने की वकालत की थी.