एक योगी से सीएम तक के सफर की कहानी
नयी दिल्ली : योगी आदित्यनाथ यूपी के अगले मुख्यमंत्री होंगे. विधायक दल की बैठक में उन्हें आज सर्वसम्मति से चुन लिया गया है. योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदू नेता की रही है. पढ़िये कैसा रहा है योगी आदित्यनाथ का सफर, कैसे एक योगी से सांसद और अब मुख्यमंत्री की कुरसी तक पहुंचने में सफल […]
नयी दिल्ली : योगी आदित्यनाथ यूपी के अगले मुख्यमंत्री होंगे. विधायक दल की बैठक में उन्हें आज सर्वसम्मति से चुन लिया गया है. योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिंदू नेता की रही है. पढ़िये कैसा रहा है योगी आदित्यनाथ का सफर, कैसे एक योगी से सांसद और अब मुख्यमंत्री की कुरसी तक पहुंचने में सफल रहे.
शुरूआती सफर से हिंदू वाहिनी के संस्थापक तक का सफर
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में हुआ . उनका असली नाम अजय सिंह है गढ़वाल विश्विद्यालय से उन्होंने गणित में स्नातक किया. योगी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत रहे. आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी भी हैं. उनकी पहचान हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक के तौर पर भी है . हिंदू वाहिनी हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह माना जाता है.
गोरखपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व से बनी अलग पहचान
1988 से योगी आदित्यनाथ गोरखपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. यूपी भाजपा के बड़े चेहरे के रूप में उनकी पहचान रही है. 2014 में योगी पांचवी बार सांसद चुने गये थे. गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लेकर योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. इसी समय से से उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत कर दी. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ पहली बार संसद पहुंचे. यहां उन्होने एक रिकार्ड बनाया उस वक्त वह सबसे कम उम्र के सांसद थे. योगी की उम्र उस वक्त 26 साल थी .
कट्टर हिंदूत्व की छवि से बढ़ी ताकत
योगी आदित्यनाथ ने धर्म परिर्वतन के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छेड़ दी थी. कई बार उनके बयान विवादों में रहे. इसी मुहित के लिए उन्होंने योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया. योगी की छवि एक कट्टर हिंदुत्व नेता की रही है . इसी छवि ने उनकी ताकत बढ़ायी है. 2007 में गोरखपुर दंगे हुए इसमें उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया.