चंडीगढ़ : क्रिकेट से राजनीतिज्ञ और फिर पंजाब के नवनियुक्त स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने महकमे से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने राजनीति के मैदान में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर स्पिन बॉल उछालते मांग की है कि उन्हें स्थानीय निकाय के साथ-साथ हाउसिंग एवं शहरी विकास विभाग भी चाहिए. उन्होंने कहा है कि वह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उन्हें हाउसिंग एवं शहरी विकास विभाग भी दें.
पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैंने कैप्टन साहब से अनुरोध किया है कि इन दोनों विभागों को एक साथ मिला दिया जाये, क्योंकि केंद्र में ये दोनों विभाग एक ही मंत्रालय के अधीन काम कर रहे हैं. यह बात दीगर है कि राज्यों ने अपनी-अपनी सहूलियत के हिसाब से इन्हें अलग-अलग कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों विभागों को अलग-अलग रखकर नहीं देखा जा सकता. उन्होंने यह भी बताया कि उनके इस सुझाव पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विचार करने का भरोसा दिया है. बता दें कि हाउसिंग एंड शहरी विकास विभाग को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पास रखा है.
नवजोत सिद्धू ने कहा कि स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों बैठक कर ली गयी है. इसके बाद मैंने उनसे कहा है कि पहले दस प्राथमिकताएं क्या हैं? उनको कैसे दूर किया जा सकता है? उनके हल क्या हैं इस पर पूरी रिपोर्ट बनाकर दें. मैं ये सारी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास लेकर जाऊंगा. आखिर फैसला तो उन्हें ही करना है. सिद्धू ने कहा कि सभी स्थानीय निकाय डिफंक्ट हो चुके हैं. या तो हम इन्हें अपने संसाधन खुद पैदा करने का अधिकार दें या फिर उन्हें आर्थिक मदद की जाये. उन्होंने कहा कि अब पीने के पानी को ही ले लीजिये. लोगों से फ्लैट रेट के अनुसार इसकी कीमत वसूली जा रही है. यानी जो 600 गैलन पानी का इस्तेमाल कर रहा है, उसके लिए भी वही रेट है, जो बीस लीटर पानी रोजाना पानी का इस्तेमाल करता है.
सिद्धू ने कहा कि लोग टैक्स देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं दी जानी चाहिए. सिद्धू ने कहा कि यहां के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. मैं चाहता हूं कि छोटी-छोटी चीजों के लिए लोगों को दफ्तरों के धक्के न खाने पड़ें. अभी तक विभाग ई-गवर्नेंस लागू नहीं कर सका है. सिद्धू ने कहा कि जालंधर, अमृतसर और लुधियाना को केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया है. मैंने अधिकारियों से इसकी विस्तृत रिपार्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा किक केंद्र सरकार से जब 50 फीसदी विकास के लिए पैसा मिल रहा है, तो भी हम डीपीआर बनाकर भेजने में नाकामयाब रहे. उन्होंने कहा कि पटियाला और बठिंडा को सरकार अपने खर्च पर स्मार्ट सिटी बनायेगी.