जिला परिषद सदस्य ने सीट बचाने के लिए दस्तावेज में दिखाया दो बच्चों के जन्म का अंतर 21 दिन
अहमदाबाद : राजनीति राष्ट्रीय स्तर की हो या पंचायत स्तर की, सभी जगहों पर कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं जो सत्ता सुख पाने के लिए कुछ भी अनाप-शनाप कर गुजरते हैं. ऐसा ही एक वाकया गुजरात के घांघड़ जिले में देखने को मिला. यहां की जिला परिषद की एक सदस्य ने 21 दिनों के […]
अहमदाबाद : राजनीति राष्ट्रीय स्तर की हो या पंचायत स्तर की, सभी जगहों पर कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं जो सत्ता सुख पाने के लिए कुछ भी अनाप-शनाप कर गुजरते हैं. ऐसा ही एक वाकया गुजरात के घांघड़ जिले में देखने को मिला. यहां की जिला परिषद की एक सदस्य ने 21 दिनों के अंतराल में दो बच्चों को जन्म दे दिया. महिला की ओर से दाखिल किये गये दस्तावेज में उनका तीसरा बच्चा, दो बच्चों का नियम लागू होने की तारीख से पहले ही पैदा हो गया था, जिसकी वजह से दोनों के बीच का अंतर मात्र 21 दिन हो गया.
इस मामले को विस्तार से जानते हैं. सोमवार को सविताबेन राठौड़ जिला पंचायत की अपनी सीट खो बैठीं, जिसपर उन्होंने 2015 में जीत दर्ज की थी। गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया जिसके तहत गुजरात पंचायत ऐक्ट के सेक्शन 30(1)m के मुताबिक, 4 अगस्त 2005 की कट-ऑफ डेट के पहले उन्होंने तीसरे बच्चों को जन्म दिया था.
राठौड़ के चुनाव जीतने के बाद एक विपक्षी ने उनके तीसरे बच्चे के जन्म को लेकर उनकी सदस्यता रद्द किये जाने की मांग की थी, लेकिन सविताबेन ने अपने नामांकन पत्र में बच्चे की जन्म तारीख 22 अप्रैल, 2004 बतायी थी. उनपर आरोप लगाये गये कि उन्होंने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अपने चीनों बच्चों का जन्म कट-ऑफ डेट से पहले का दिखाया था.
सुनवाई के दौरान सविताबेन ने अपने तीसरे बच्चे की चार जन्म तारीखें बताईं और दो अलग-अलग जन्मस्थान बताए. इसे देखते हुए उनकी सदस्यता रद्द किये जाने के आदेश दिये गये क्योंकि उनकी बताई तारीख के मुताबिक, दूसरे बच्चे का जन्म 1 अप्रैल 2004 को और तीसरे का 22 अप्रैल 2004 को बताया गया था, यानी दोनों बच्चों के बीच महज 21 दिनों का अंतर था.