पाकिस्तान अगर आतंकवाद छोड़ने की प्रतिबद्धता दिखाए तो हम बातचीत को तैयार : राजनाथ

नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कहा कि वह पाकिस्तान से बातचीत को तैयार है, लेकिन पहले उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद छोड़ने की प्रतिबद्धता दिखानी होगी. राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि सरकार कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए वहां के सभी पक्षों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 7:27 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कहा कि वह पाकिस्तान से बातचीत को तैयार है, लेकिन पहले उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद छोड़ने की प्रतिबद्धता दिखानी होगी. राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि सरकार कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए वहां के सभी पक्षों से बातचीत को तैयार है और सरकार ने घाटी में कई कदम उठाये हैं.

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती (संप्रग) सरकार ने भी वार्ता के लिए पाकिस्तान के समक्ष राज्य प्रायोजित आतंकवाद छोड़ने की प्रतिबद्धता दिखाने की शर्त रखी थी. राजनाथ ने सदस्यों से कहा, ‘पाकिस्तान कम से कम पहल तो करे और कहे कि वह बातचीत तथा आतंकी गतिविधियां खत्म करने की इच्छा रखता है.’ उन्होंने कहा, ‘पूरा राष्ट्र चाहता है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य हो. हम हर किसी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं और इस संबंध में कई पहल की गयी हैं.’

गृहमंत्री ने कहा कि वह अशांति के समय तीन बार कश्मीर घाटी गये. उन्होंने कहा, ‘हम हर किसी से बात करने को तैयार हैं. इन लोगों (सीताराम येचुरी, शरद यादव तथा अन्य) को उल्टे पांव लौटना पड़ा था.’ राजनाथ ने कहा, ‘मैं सदन को यह भी सूचित करना चाहता हूं कि आधिकारिक संवाद में कोई कमी नहीं रही है.’

कश्‍मीर में स्थिति सामान्‍य करने के लिए सरकार कर रही है प्रयास

कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए उठाये गये कदमों और योजनाओं के बारे में राजनाथ ने कहा कि वह पूर्व की सरकारों द्वारा किये गये काम को खारिज नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, ‘हम किसी का श्रेय नहीं लेना चाहते. हम यह दावा नहीं करते कि हम अकेले ही स्थिति को सुधार सकते हैं और कश्मीर समस्या का समाधान कर सकते हैं. कश्मीर समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल और प्रत्येक नागरिक के सहयोग की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्व की सरकारों द्वारा की गयी पहलों को आगे ले जाने की कोशिश कर रही है. राजनाथ ने कुछ पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि सशस्त्र पुलिस बलों के लिए चयन प्रक्रिया की गयी है और कश्मीरी युवाओं के लिए अवसरों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में पहले कभी भी 10 हजार की संख्या में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की भर्ती नहीं की गयी. इसके साथ ही पांच नयी इंडिया रिजर्व बटालियन स्थापित की गयी हैं जिनमें 4,500 कर्मी हैं.

2016 में हुई 322 आतंकी घटनाएं, मारे गये 150 आतंकवादी

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि 2016 में 322 आतंकी घटनाएं हुईं और 150 आतंकवादी मारे गये. वर्ष 2017 में अब तक 32 आतंकी मारे गये हैं. राजनाथ ने जवानों को मिलने वाले लाभों के बारे में कहा, ‘हमने फैसला किया है कि शहीद जवान के परिजनों को किसी भी स्थिति में कुल मिलाकर लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता मिलेगी.’ उन्होंने कहा, ‘जब भी हमारे जवान शहीद होते हैं, हम उसका पार्थिव शरीर उसके गांव पहुंचाने के लिए पूरी कोशिश करते हैं तथा जिला अधिकारियों और संबंधित विधायकों और सांसदों को शहीद जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होने को कहा जाता है.’

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